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विश्व हिन्दू परिषद (VHP) ने धमकी दी है कि बनारस के घाटों पर गैर-हिन्दू समुदाय के किसी भी शख्स को नहीं आने दिया जाएगा. इसके लिए संगठन ने जगह-जगह पोस्टर चिपकाए हैं.
यह पहला मौका नहीं है जब काशी में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद की ओर से इस तरह का काम किया गया है. पिछले साल 25 दिसंबर को चर्च के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ, 31 दिसंबर को वाराणसी के मॉल और रेस्टोरेंट के बाहर न्यू ईयर पार्टी को सेलिब्रेट न करने की चेतावनी वाले पोस्टर भी वाराणसी में पहले लगाए जा चुके हैं.
वाराणसी के गंगा घाटों और धार्मिक स्थलों पर 'गैर हिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित' वाले पोस्टर लगाए गए हैं. ये पोस्टर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की ओर से लगाए गए हैं. इन पर लिखा है जिन लोगों की आस्था सनातन धर्म में है, उनका स्वागत है, नहीं तो यह पिकनिक स्पॉट नहीं है.
पोस्टर चस्पा करने वाले विश्व हिंदू परिषद के काशी महानगर के मंत्री राजन गुप्ता ने कहा कि गैर-सनातन धर्म के लिए चस्पा किया जा रहा पोस्टर केवल पोस्टर नहीं, बल्कि एक चेतावनी वाला संदेश है. गंगा घाट मंदिर और धार्मिक स्थल सनातन धर्म की आस्था का प्रतीक है, हम चेतावनी देना चाहते हैं कि गैर सनातनी हमारे सनातन धर्म के धार्मिक स्थलों से दूर रहें, क्योंकि यह कोई पिकनिक स्पॉट नहीं है. जिन लोगों की आस्था सनातन धर्म में उनका तो हम स्वागत करेंगे, नहीं तो हम उनको खदेड़ने का भी काम करेंगे.
बनारस के साधू शांडिल्य चन्द्रभूषण ने कहा कि पर्यटक आने में हमें आपत्ति नहीं है, पर्यटक आकर दर्शन करें, हमारे किसी भी प्रकार की धार्मिक भावना आहत न हो क्योंकि गंगा हमारी माता हैं, हम उन्हें गंगा मइया कहते हैं.
हालांकि पोस्टर चस्पा किए जाने के बाद लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. गंगा से जुड़े लोगों का मानना है कि गंगा मां हैं किसी एक का दावा गलत है. यह समाज को बांटने और सामाजिक दूरी बढ़ाने जैसा प्रतीत हो रहा है. कुछ लोग इसे चुनाव से पूर्व राजनीति चमकाने के स्टंट भी मान रहे हैं.
इस संबंध में अपर पुलिस उपायुक्त काशी जोन राजेश पांडेय ने कहा कि मामला हमारे संज्ञान में है. पुलिस सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में लगी है. पोस्टर चिपकाने वालों और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वालों की पहचान की जा रही है. वह चाहे किसी भी दल से जुड़े हों उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.
इनपुट क्रेडिट- चंदन पांडेय
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