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ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस लड़ने वाली महिला का सियासी दांव- BJP से मांगा टिकट

सीता साहू ने कहा-"पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ समेत भाजपा के अन्य बड़े नेताओं को भी अपना बायोडेटा भेजेंगी"

क्विंट हिंदी
भारत
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<div class="paragraphs"><p>ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस:वादिनी का सियासी दांव-BJP से चुनाव लड़ने की दावेदारी</p></div>
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ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस:वादिनी का सियासी दांव-BJP से चुनाव लड़ने की दावेदारी

(फोटो- क्विंट हिंदी)

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में आगामी निकाय चुनाव पर लगी रोक उच्च न्यायालय (High Court) से हटते ही सियासत गरमा गई है, तो वहीं वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद और मां श्रृंगार गौरी केस की वादिनी सीता साहू के मेयर पद की दावेदारी से राजनीतिक भूचाल आ गया है. सीता बीजेपी के टिकट पर मेयर का चुनाव काशी से लड़ना चाहती हैं. उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री समेत पार्टी के कई नेताओं को बायोडेटा भेजने की तैयारी कर ली है.

उन्होंने बाकायदा भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लेटर पैड पर अपनी योग्यता के आधार पर मेयर के टिकट की मांग की है. गुरुवार को वह वाराणसी स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय पर बायोडेटा लेकर पहुंचीं थीं लेकिन सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के काशी आगमन के कारण सकारात्मक तरीके से आवेदन नहीं हो सका. सीता शुक्रवार को फिर पीएमओ पहुंचेंगी. बता दें कि पिछली बार के चुनाव में भी सीता ने टिकट के लिए दावेदारी की थी लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली थी.

"हिंदुत्व के लिए तन, मन और धन से सेवा करना चाहती हूं"-सीता साहू

वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद और मां श्रृंगार गौरी केस की वादिनी सीता साहू बीजेपी से वाराणसी के मेयर पद का चुनाव लड़ना चाहती हैं. सीता का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ समेत भाजपा के अन्य बड़े नेताओं को भी अपना बायोडेटा भेजेंगी, ताकि उन्हें वाराणसी के मेयर पद का टिकट मिल सके. कहा की पिछले कई वर्षों से संघ और बीजेपी से जुड़ी हैं.

भारतीय जनता पार्टी की महिला मोर्चा के कार्यक्रम में भागीदारी हो या पार्टी के कार्यक्रमों में महिलाओं को जुटाने की जिम्मेदारी वह सब का सालों से निर्वहन कर रहीं हैं. सीता कहती हैं कि हिंदुत्व के नाम उनका पूरा जीवन है, वह तन, मन और धन से काशी की सेवा करना चाहती हैं.
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नगर का प्रथम नागरिक बन श्रृंगार गौरी मुकदमे को करेंगी मजबूत

सीता साहू का कहना है की मेयर नगर का प्रथम नागरिक होता है. ऐसे में अगर वह मेयर चुनी जाती हैं तो मां श्रृंगार गौरी प्रकरण में मजबूती से पैरवी कर पाएंगी. ताकि हिंदुत्व का एजेंडा और मजबूत हो सके और सनातन धर्मियों को उनका मंदिर जल्द से जल्द वापस मिल सके. उन्होंने कहा की सामान्य परिवार की महिला को टिकट देकर भारतीय जनता पार्टी मिसाल कायम करेगी.

मां श्रृंगार गौरी मंदिर प्रकरण के पैरोकार सोहन लाल आर्य का कहना है कि

लोकतंत्र में सबको चुनाव लड़ने का अधिकार है, उसी के निमित्त यह प्रयास है. हमने बीजेपी के श्रेत्रीय विधायकों से भी बातचीत की है और मां श्रृंगार गौरी केस में जुड़ी चारों वादी महिलाओं की भी सहमति है. उसके अलवा काशी विश्वनाथ न्यास भी पूर्ण सहमत है.

बीजेपी से टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय नहीं लड़ेंगी चुनाव

सीता ने कहा कि अगर हमें टिकट नहीं मिला तो कोई हर्ज नहीं है, हमलोग निर्दल चुनाव नहीं लड़ेंगे, क्योंकि वह बीजेपी के टीम की महिला मोर्चा की पदाधिकारी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की महिला मोर्चा की पदाधिकारी रही हैं. इस कारण पार्टी नेतृत्व के खिलाफ नहीं जाएंगी.

सीता साहू के मेयर पद की दावेदारी को लेकर भारतीय जनता पार्टी के वाराणसी जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा अनजान हैं. उन्होंने कहा कि सीता की दावेदारी को लेकर उन्हें अब तक कोई जानकारी नहीं है. हो सकता है उन्होंने दावेदारी के लिए कोई पत्र भेजा हो लेकिन मुझे इस बात की जानकारी नहीं दी गई है.

(इनपुट- चंदन पांडेय)

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