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Vertigo Prevention: चक्कर आना, बैलेंस बिगड़ जाना- जानें वर्टिगो से बचाव के उपाय

आम भाषा में वर्टिगो को चक्कर आना कहते हैं.

अश्लेषा ठाकुर
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>How To Prevent Vertigo: तस्वीरों के जरिए वर्टिगो की समस्या से बचाव के उपाय</p></div>
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How To Prevent Vertigo: तस्वीरों के जरिए वर्टिगो की समस्या से बचाव के उपाय

(फोटो:फिट हिंदी/iStock)

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क्या कभी आपको भी आसपास की चीजें घूमती हुई नजर आती हैं? बार-बार जी मिचलाना और उल्टी सा महसूस होता है? अगर हां, तो हो सकता है आप वर्टिगो (Vertigo) बीमारी के शिकार हों. आम भाषा में वर्टिगो को चक्कर आना कहते हैं. कुछ डॉक्टर इसे बीमारी मानते हैं, तो कुछ इसे बीमारी का लक्षण कहना उचित समझते हैं. यह एक ऐसी समस्या है, जिसमें व्यक्ति को भ्रमित महसूस होना, जी मिचलाना, दिल की धड़कन का बढ़ना, सिर चकराने जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है. वर्टिगो अपने आप में चिंताजनक बीमारी नहीं है पर इससे मरीज परेशान जरुर होते हैं. आज हम आपको तस्वीरों के जरिए वर्टिगो की समस्या से बचाव के ऐसे उपाय बता रहे हैं, जो हमारे हाथों में हैं.

सिर और कान में चोट लगने से बचें. सिर में चोट लगने से बीपीपीवी की समस्या हो सकती है. कान में मौजूद तरल पदार्थ दिमाग को भी नियंत्रित करता है. बीपीपीवी होने पर कान के अंदर कैल्शियम के छोटे टुकड़े अपनी जगह से हिल कर दूसरी जगह चले जाते हैं. इस स्थिति में दिमाग को गलत संकेत मिलने लगते हैं.

(फोटो:iStock)

कान में इन्फेक्शन की वजह से- कानों की नसों में सूजन की वजह से भी वर्टिगो महसूस हो सकता है. ये या तो वेस्टिबुलर न्यूरिटिस या फिर लेब्रिंथाइटिस हो सकता है. ये दोनों चीजें कान में इंफेक्शन की वजह से होती हैं. इसकी वजह से अचानक चक्कर आने लगते हैं, कान बजने लगते हैं, ठीक से सुनाई नहीं देता, बुखार, उल्टी और कान में दर्द भी हो सकता है. कई बार ये लक्षण हफ्तों तक रह सकते हैं.

(फोटो:iStock)

ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखें- ब्लड प्रेशर कम होने से चक्कर आने की समस्या होती है. वैसे ही अगर शरीर में ब्लड शुगर संबंधित कोई समस्या होती है तो व्यक्ति को वर्टिगो का सामना करना पड़ सकता है. 

(फोटो:iStock)

पोजिशनल वर्टिगो, ये शरीर के पोजीशन में बदलाव पर आने वाले चक्कर को कहते हैं. जैसे करवट बदलते, उठते-बैठते या झुकते समय आने वाले चक्कर. इससे बचने के लिए बिस्तर से सो कर उठते समय थोड़ी देर बेड के किनारे पर बैठ जाएं. कुर्सी से झटके के साथ नहीं बल्कि आराम से उठें.

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झटके के साथ झुकने से वर्टिगो की समस्या हो सकती है. जैसे कि चीजें उठाने के लिए झुकने से कई लोगों को चक्कर आते हैं. इससे बचने के लिए अपने घुटनों को मोड़कर आप अपने सिर को सीधे रखते हुए समान उठाएं. 

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गर्दन और सिर के पोजीशन में बदलाव से भी वर्टिगो की समस्या होती है. जैसे कि अपनी गर्दन को तानते हुए ऊंची अलमारियों तक पहुंचने की कोशिश करना. आप ऐसी स्थिति में स्टूल या छोटी सीढ़ी का उपयोग कर सकते हैं. जिन्हें वर्टिगो की समस्या है उन्हें इस तरह की गतिविधियों से बचना चाहिए.

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पौष्टिक आहार का सेवन करें: खाने में विटामिन, कैल्शियम, कार्बोहाईड्रेट्स, मिनरल्स और दूसरे पौष्टिक तत्वों से हमारे शरीर को स्वस्थ रहने और बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है.

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तनाव, चिंता और डिप्रेशन सभी वर्टिगो अटैक को ट्रिगर कर सकते हैं. अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल जरुर रखें.

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पर्याप्त नींद लें. नींद की कमी चक्कर आने का एक मुख्य कारण हो सकती है. पर्याप्त नींद लेना, शरीर के साथ-साथ हमारे मस्तिष्क के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है.

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हर दिन एक्सरसाइज करना हमारी सेहत के लिए जरुरी है. इससे न सिर्फ वर्टिगो बल्कि दूसरी बीमारियां भी हमारे आसपास नहीं फटकती हैं. वर्टिगो की समस्या होने पर डॉक्टर मरीजों को कुछ अलग तरह के एक्सरसाइज बताते हैं, जो वर्टिगो की समस्या को दूर रखने में मदद करती है.

(फोटो:iStock)

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