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जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर नजमा अख्तर ने यूनिवर्सिटी कैंपस में दिल्ली पुलिस की एंट्री के खिलाफ FIR दर्ज कराने की बात कही है. उन्होंने 16 दिसंबर को कहा, ''आप प्रॉपर्टी को दोबारा बना सकते हो, लेकिन आप उन चीजों की भरपाई नहीं कर सकते, जिनसे हमारे स्टूडेंट गुजरे हैं. हम एक उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हैं.''
बता दें कि जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी की एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक के बाद नजमा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा,
नजमा ने कहा, ''मैं सभी से अपील करती हूं कि किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान ना दें. दो स्टूडेंट्स की मौत की एक अफवाह उड़ी है, हम इसे पूरी तरह से खारिज करते हैं. हमारे किसी भी स्टूडेंट की मौत नहीं हुई है. करीब 200 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से बहुत से हमारे स्टूडेंट हैं.''
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों के प्रदर्शन के दौरान यह सारा विवाद पैदा हुआ. मगर बाद में छात्रों के एक निकाय ने कहा कि हिंसा और आगजनी से छात्रों का कोई लेना-देना नहीं हैं और आरोप लगाया कि “कुछ तत्व” प्रदर्शन में शामिल हो गए और इसको “बाधित” किया.
वहीं, दक्षिण पूर्व दिल्ली के पुलिस उपायुक्त चिन्मय बिस्वाल के मुताबिक, प्रदर्शन के दौरान यूनिवर्सिटी कैंपस से पुलिस पर पत्थरबाजी की गई, जिसके बाद उन्हें भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े.
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