advertisement
उत्तर प्रदेश में शुक्रवार सुबह पांच लाख रुपये का इनामी बदमाश विकास दुबे एक कथित एनकाउंटर में मारा गया. विपक्षी दलों से लेकर सोशल मीडिया तक से इस 'एनकाउंटर' पर लगातार सवाल उठ रहे हैं.
'एनकाउंटर' को लेकर यूपी पुलिस का कहना है कि दुबे को जिंदा पकड़ने की पूरी कोशिश की गई थी और दुबे पर आत्मरक्षा में गोलियां चलाई गई थीं.
मगर तमाम सवालों के बीच 'एनकाउंटर' की हकीकत निष्पक्ष जांच से ही पता चल सकती है. ऐसे में एक सवाल यह उठता है कि क्या भारत में 'एनकाउंटर' में हुई मौतों की जांच के लिए कोई दिशा निर्देश जारी किए गए हैं?
साल 2014 में, सुप्रीम कोर्ट ने PUCL बनाम स्टेट ऑफ महाराष्ट्र केस में, अपने फैसले में, पुलिस ‘एनकाउंटर’ में हुई मौतों की जांच के लिए 16 दिशा निर्देश जारी किए थे. इन 16 दिशा निर्देशों की 5 बड़ी बातें इस तरह हैं:
विशेष रूप से ‘मुठभेड़’ हत्याओं पर इन दिशा निर्देशों के अलावा, दो बाकी प्रासंगिक प्रक्रियाएं हैं, जिसका पालन तब होना चाहिए, जब पुलिस कस्टडी में किसी की मौत हो जाती है.
पिछले शुक्रवार को दुबे ने उसे पकड़ने गए एक पुलिस उपाधीक्षक सहित पुलिसकर्मियों के दल पर कानपुर के चौबेपुर क्षेत्र के बिकरु गांव में घात लगाकर हमला कर दिया था. इस गोलीबारी में आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे. इसके बाद से दुबे फरार चल रहा था.
इस बीच खबरें आई थीं कि दुबे फरीदाबाद में छिपा था लेकिन पुलिस की छापेमारी से पहले ही वह, वहां से भाग निकला. इसके बाद गुरुवार सुबह खबर आई कि मध्य प्रदेश पुलिस ने दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया है. मध्य प्रदेश पुलिस के मुताबिक, पांच लाख रुपये के इनामी दुबे को गुरुवार सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर से गिरफ्तार किया गया था. हालांकि गुरुवार पूरे दिन इस तरह की अटकलें भी सामने आती रहीं कि दुबे ने सरेंडर किया है.
एसटीएफ ने एक बयान में कहा, ''विकास दुबे को एसटीएफ के उपाधीक्षक तेज बहादुर सिंह के नेतृत्व में सरकारी वाहन से मध्य प्रदेश के उज्जैन से लाया जा रहा था. यात्रा के दौरान कानपुर के सचेंडी थाना क्षेत्र में कन्हैयालाल अस्पताल के सामने अचानक गाय भैंसों का एक झुंड सड़क पर आ गया. लंबी यात्रा से थके चालक ने हादसा टालने के लिए वाहन को अचानक मोड़ा जिससे वह अनियंत्रित होकर पलट गया.''
बयान के मुताबिक,दुबे का पीछा किया गया तो उसने पुलिस से छीनी गई पिस्तौल से गोलियां चलाईं.
एसटीएफ ने कहा है, ''अभियुक्त को जिंदा पकड़ने का भरपूर प्रयास करने के उद्देश्य से उसके काफी निकट पहुंच गए, लेकिन विकास दुबे अंतिम क्षणों में पुलिसकर्मियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगा. अन्य कोई विकल्प न होने की दशा में पुलिस दल द्वारा भी आत्म रक्षा और कतर्व्य पालन के लिए नियंत्रित फायर किया गया.''
एसटीएफ ने आगे कहा कि पुलिस की जवाबी कार्रवाई में विकास दुबे घायल होकर गिर गया, जिसे तत्काल इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे परीक्षणोपरांत मृत घोषित कर दिया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)