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पुलवामा हमले के बाद कांग्रेस ने बीजेपी को बैकफुट पर डालने के लिए बड़ा कदम उठा लिया है. राहुल गांधी ने सर्जिकल स्ट्राइक की अगुवाई करने वाले जनरल हुड्डा की अध्यक्षता में टास्कफोर्स बना दिया है जो देश की सिक्योरिटी पर एक विजन पेपर तैयार करेगा.
पुलवामा हमले के बाद 5 दिन तक शांत रहने के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा है और सीआरपीएफ जवानों की सुरक्षा में हुई लापरवाही के लिए सरकार पर सवाल उठाए हैं.
टास्कफोर्स बनाने में सबसे बड़ा संदेश यही है कि इसकी अध्यक्षता लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डी एस हुड्डा को दी गई है.
ये वही जनरल हुड्डा हैं जिनकी अगुआई में भारतीय सेना ने उरी हमले के बाद पीओके इलाके में सर्जिकल स्ट्राइक करके घुसपैठियों के लॉन्चिंग पैड नष्ट कर दिए थे. वह 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान नॉर्दन आर्मी कमांडर थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के तमाम नेता सर्जिकल स्ट्राइक को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं और रैलियों में इसका खुलकर इस्तेमाल करते हैं. मगर राहुल गांधी के इस चालाकी भरे दांव ने पुलवामा मामले में बीजेपी को बैकफुट पर ला दिया है.
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को CRPF के काफिले पर हुए हमले के बाद नेशनल सिक्योरिटी के मुद्दे पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर काफी दबाव है. इस मुद्दे पर विपक्ष भी धीरे-धीरे सरकार के खिलाफ हमलावर होता जा रहा है.
इसके पहले कांग्रेस ने गुरुवार को पुलवामा अटैक को मोदी सरकार पर बड़ा हमला किया. पार्टी ने कहा कि पीएम मोदी और उनकी सरकार ने पुलवामा की शहादत का मजाक उड़ाया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा,
इसके अलावा सुरजेवाला ने जवानों की शहादत पर राष्ट्रीय शोक की घोषणा ना करने के लिए भी मोदी सरकार को घेरा.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुलवामा हमले को लेकर हाल ही में कहा, ''पाकिस्तान के खिलाफ 5 साल से कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? चुनाव के वक्त ही ये मुद्दा क्यों गरमाया जा रहा है? चुनाव करीब हैं और ऐसे मौके पर पुलवामा में हमला संदेह पैदा करता है.''
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