आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के आरआर वेंकटपुरम गांव में एलजी पॉलिमर उद्योग में गैस लीकेज होने की वजह से अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है. घटना गुरुवार 7 मई को सुबह करीब 3 बजे हुई. गैस के रिसाव से करीब 3 किलोमीटर के क्षेत्र में अफरातफरी मच गई. लोगों की आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. गैस का रिसाव इतना तेज था कि आसपास के गांव को भी खाली कराना पड़ा.
इस बीच आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस.जगन मोहन रेड्डी ने किंग जॉर्ज अस्पताल में भर्ती लोगों से मुलाकात की.
आंध्र प्रदेश के डीजीपी डी.जी. सवांग ने बताया कि अभी गैस को बेअसर कर दिया गया है. लगभग 800 लोगों को अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है और कई डिस्चार्ज भी हो गए हैं. यह कैसे हुआ इसके लिए जांच की जाएगी:
बताया जा रहा है कि 40 दिन बाद कंपनी को खोलने की तैयारी की जा रही थी. अब तक गैस लीकेज का असली कारण पता नहीं चल पाया है.
विशाखापत्तनम में स्थिति के मद्देनजर पीएम मोदी ने सुबह 11 बजे NDMA की बैठक बुलाई .
‘मैं विशाखापत्तनम में सभी लोगों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं. स्थिति के बारे में MHA और NDMA से बता की है, वह स्थिति की कड़ी निगरानी कर रहे हैं.’नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
NDRF की टीम कर रही है रेस्क्यू
विशाखापत्तनम के पुलिस कमिश्नर आरके मीणा ने बताया कि, एनडीआरएफ की टीम घटना स्थल पर रेस्कूय का काम कर रही है. गैस के रिसाव को रोक दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कर लिया गया है.
सीएम रेड्डी ने दिए निर्देश
आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी ने घटना को लेकर अधिकारियों से पूछताछ की है. उन्होंने जिले के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हर संभव कदम उठाएं. सीएम खुद प्रभावित लोगों का जायजा लेने के लिए किंग जॉर्ज अस्पताल जाएंगे.
रेड क्रॉस यूनिट को शिविर लगाने का आदेश
आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बिश्वभूषण हरिचंदन ने घटना पर दुख जताया है. उन्होंने अधिकारियों को युद्ध स्तर पर बचाव अभियान चलाने का आदेश दिया है. उन्होंने रेड क्रॉस यूनिट को चिकित्सा शिविर का गठन करने का आदेश दिया है.
वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, ये घटना परेशान करनेवाली है. हम एनडीएमए के अधिकारियों से बात कर रहे हैं, स्थिति पर लगातार बारीकी से नजर रखी जा रही है.
बता दें कि, एलजी पॉलिमर की स्थापना साल 1961 में हिंदुस्तान पॉलिमर के रूप में हुई थी, बाद में कंपनी को दक्षिण कोरिया के एलजी केम (LG Chem) ने लिया था और 1997 में एलजी पॉलिमर इंडिया के रूप में नाम दिया गया. यह प्लांट पॉलीस्टाइनिन और एक्सपेंडबल पॉलीस्टायर्न बनाता है.
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