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SSC भर्ती घोटाले में चल रही रेड के बीच अर्पिता मुखर्जी के घर से भारी मात्रा में नकदी और सोना बरामद होने के बाद ईडी का दावा है कि अर्पिता ने कबूल किया कि उन्हें कैश रखने के लिए मजबूर किया गया था. दावा किया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी ने उनके घरों को अवैध नकदी रखने के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति देने को कहा था.
ईडी के एक अधिकारी ने कहा, अर्पिता ने कबूल किया है कि चटर्जी उसके टॉलीगंज और बेलघरिया दोनों आवासों में सप्ताह में एक या दो बार आते थे और उनके साथ एक अज्ञात व्यक्ति भी आया करता था.
अधिकारी ने पुष्टि की, चटर्जी ने अर्पिता को अलमारी नहीं खोलने और उन कमरों में बार-बार आने से बचने का सख्त निर्देश दिया थे, जहां से नकदी बरामद की गई थी. यह पता चला है कि चटर्जी जब भी अर्पिता मुखर्जी के आवास पर जाते थे, तो मंत्री अज्ञात व्यक्ति के साथ बंद कमरे में बैठक करते थे, उसमें अर्पिता को भाग लेने की अनुमति नहीं थी. एक ईडी अधिकारी ने कहा,
इस बीच, पार्थ चटर्जी को उनके मंत्री और पार्टी पदों से तत्काल प्रभाव से मुक्त करने के लिए तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व पार्टी के भीतर से भारी दबाव में है. तृणमूल कांग्रेस राज्य महासचिव और पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने एक ट्वीट में कहा, पार्थ चटर्जी को मंत्रिमंडल और पार्टी के सभी पदों से तुरंत हटाया जाना चाहिए। उन्हें निष्कासित किया जाना चाहिए। अगर मेरा यह बयान गलत है, तो पार्टी को मुझे भी सभी पदों से हटाने का पूरा अधिकार है.
(इनपुट IANS से)
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