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पिछले तीन दिनों में पूरे उत्तर भारत में भारी बारिश (Rain) के कारण भूस्खलन और बारिश से संबंधित अन्य घटनाओं में कई लोगों की मौत हो गई है. मौसम विभाग ने कहा कि ये सब भारी बारिश, वेस्टर्न डिस्टर्बेंस और मानसूनी हवाओं के कारण हुआ है.
IMD ने देश के 23 राज्यों में भारी बारिश की भविष्यवाणी की है. उत्तराखंड में रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में अत्यधिक भारी बारिश की आशंका है.
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश में आज भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है. हालांकि, तीन दिनों की तेज बारिश के बाद बरसात की तेजी में काफी कमी आने की उम्मीद है.
वहीं, बारिश के कारण कई पुल बह गये, भूस्खलन के कारण पहाड़ियों से गिरने वाले पत्थरों और तेज पानी से कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गये.
दिल्ली में यमुना नदी सोमवार (10 जुलाई) देर शाम खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गई. रात भर जलस्तर बढ़ता रहा और मंगलवार सुबह तक यह 206.32 मीटर तक पहुंच गया. जल स्तर में वृद्धि हरियाणा द्वारा हथिनीकुंड बैराज से नदी में अधिक पानी छोड़े जाने के कारण हुई.
हरियाणा और पंजाब में तीन दिनों की भारी बारिश के बाद नुकसान का आकलन करने और विस्थापित लोगों को भोजन, पानी और आश्रय प्रदान करने के लिए विशेष टीमें तैनात की गई हैं.
पंजाब के डेरा बस्सी में एक निजी हाउसिंग कॉलोनी में ताजा बारिश के बाद बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई. पानी का स्तर इतना बढ़ गया कि अपने घरों में फंसे स्थानीय लोगों को बचाने के लिए नावों और ट्रैक्टरों का इस्तेमाल करना पड़ा.
उत्तर भारत में सबसे अधिक प्रभावित राज्य हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश हुई, जिससे 30 लोगों की मौत हो गई और 3,000 करोड़ रुपये की क्षति हुई.
इसके अतिरिक्त, बारिश के कारण हुए भूस्खलन से राज्य के विभिन्न हिस्सों में 500 से अधिक पर्यटक फंसे हुए हैं.
सोमवार शाम उत्तराखंड में भारी बारिश और बोल्डर गिरने से चार लोगों की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए. पहाड़ी से गिरे पत्थरों ने वहां से गुजर रहे तीन वाहनों को कुचल दिया. राज्य में ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है और मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा है कि उनका प्रशासन "पूरी तरह अलर्ट पर" है.
मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश और राजस्थान सहित उत्तर भारत के कई राज्यों में और भारी बारिश की भविष्यवाणी की है. राहत और बचाव कार्यों में सहायता के लिए सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) को तैनात किया गया है. NDRF ने प्रभावित राज्यों में 39 टीमें तैनात की हैं.
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