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बंगाल बीजेपी के नेता मनीष शुक्ला की 4 अक्टूबर की शाम गोली मारकर हत्या कर दी गई. NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना उस समय घाटी जब बीजेपी नेता कुछ स्थानीय लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ एक स्थानीय पुलिस स्टेशन के पास खड़े बातचीत कर रहे थे. ये जगह नॉर्थ कोलकाता से करीब 20 किमी दूर है.
पश्चिम बंगाल पुलिस ने 5 अक्टूबर को ट्विटर पर घटना के बारे में लिखा, "हम नागरिकों से निवेदन करते हैं कि बिना जांच के किसी निष्कर्ष पर न पहुंचें. सोशल मीडिया पर गैरजिम्मेदार बयानों को जांच में हस्तक्षेप समझा जाएगा. सभी से इससे दूर रहने का निवेदन है."
पुलिस ने ट्विटर पर लिखा, "बैरकपुर में तीतागढ़ इलाके में एक आदमी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पुलिस अपराध की जांच कर रही है और व्यक्तिगत दुश्मनी से लेकर सभी संभावित वजहों को देख रही है क्योंकि पीड़ित हत्या और हत्या की कोशिश मामले में आरोपी रहा है."
शुक्ला की हत्या के बाद बीजेपी ने बैरकपुर इलाके में 12 घंटे का बंद बुलाया है और हत्या के लिए तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया.
बंगाल बीजेपी ने ट्वीट किया, "हत्याओं का ये सिलसिला TMC का अंत दिखाता है."
बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने घटना की निंदा की और DGP और गृह सचिव को राज भवन समन किया.
फिर 5 अक्टूबर की सुबह राज्यपाल ने आरोप लगाया कि सीएम ममता बनर्जी ने उनके मेसेज को अनदेखा किया.
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, TMC ने आरोपों को खारिज किया है और दोष बीजेपी के आंतरिक विवाद पर लगाया.
चश्मदीदों ने मीडिया को बताया कि मोटरसाइकिल सवार कुछ लोग मनीष शुक्ला के पास आए और उन पर गोलियां बरसा दीं. शुक्ला के सर, सीने और पीठ में गोली लगी.
NDTV के मुताबिक, पुलिस की एक बड़ी टीम मौके पर तनाव कम करने के लिए गई थी. बीजेपी समर्थकों ने पुलिस कमिश्नर मनोज वर्मा और एडिशनल कमिश्नर अजय ठाकुर को घेरकर उनसे कई सवाल पूछे और आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की.
बीजेपी ने अब इस मामले में सीबीआई जांच की मांग उठाई है. हत्या के 20 घंटे बीत जाने के बाद भी शव न मिलने पर राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने राज्यपाल से शिकायत भी की है. पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, "अभी तक शुक्ला का पार्थिव शरीर परिजनों को नहीं दिया गया. पोस्टमार्टम भी नहीं किया गया है. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है, कि ममता सरकार कितनी असंवेदनशील है."
विजयवर्गीय ने कहा कि वो पीड़ित परिवार से मिले हैं और उन्होंने परिजनों को सांत्वना दी, लेकिन इस घटना में पुलिस की भूमिका संदिग्ध है और इसलिए उन्होंने केंद्र सरकार से सीबीआई जांच की मांग की है.
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