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पश्चिम बंगाल में ‘जय श्रीराम’ को लेकर जारी घमासान के बीच राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार को कोलकाता नगर निगम की ओर से आयोजित की गई इफ्तार पार्टी में शामिल हुईं. दरअसल, लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद बीजेपी और टीएमसी की लड़ाई और तीखी हो गई है. बीते दिनों बीजेपी समर्थकों ने ममता बनर्जी को देखते ही ‘जयश्री राम’ के नारे लगाए, इसके बाद ममता बनर्जी नाराज हो गईं और उन्होंने नारा लगाने वालों को फटकार लगाई. इस घटना के बाद से ही ‘जय श्रीराम’ को लेकर ममता बनर्जी और बीजेपी आमने सामने आ गए हैं.
फिलहाल, ममता बनर्जी के इफ्तार पार्टी में शामिल होने के बाद बीजेपी को उनके ऊपर राजनीतिक हमला करने का एक और मौका मिल गया है. बता दें, ममता पहले ही आरोप लगा चुकी हैं कि बीजेपी पश्चिम बंगाल की राजनीति को ‘जय श्रीराम’ के सहारे सांप्रदायिक बनाना चाहती है.
पश्चिम बंगाल की राजनीति में ‘जय श्रीराम’ बड़ा मुद्दा बन चुका है. सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी पर भगवान राम की पत्नी सीता का नाम 'जय सिया राम' के मूल मंत्र से हटाने का आरोप लगाया.
ममता ने कहा, "बीजेपी जो कुछ भी कहती है आप लोग उसे लिखते हैं. 'जय सिया राम' का नारा उत्तर प्रदेश में इस्तेमाल किया जाता है. इसका मतलब है राम और सीता की महिमा."
बनर्जी ने कहा, "जब महात्मा गांधी जी 'राम धुन' को जपा करते थे, तो वे कहते थे, 'रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम' लेकिन बीजेपी ने मां सीता के नाम को हटा दिया. उन्होंने मूल मंत्र को विकृत कर दिया है और अब एक नया नारा बना रहे हैं."
पश्चिम बंगाल में 'जय श्री राम' के नारे ने बड़ा विवाद पैदा कर दिया है. राज्य में बीजेपी कार्यकर्ता लगातार 'जय श्री राम' के नारे लगाते हैं, जिससे ममता अपना आपा खो बैठती हैं. उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं को चुनौती दी है कि अगर हिम्मत है तो वे उसके सामने आकर नारा लगाएं.
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