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फेसबुक का BJP नेताओं के ‘भड़काऊ बयान’ न हटाने का मामला-पूरा ब्योरा

फेसबुक की भारत में टॉप पब्लिक पॉलिसी एग्जीक्यूटिव ने नफरती भाषण के नियम बीजेपी नेता पर लगने नहीं दिए

क्विंट हिंदी
भारत
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फेसबुक की भारत में टॉप पब्लिक पॉलिसी एग्जीक्यूटिव ने नफरती भाषण के नियम बीजेपी नेता पर लगने नहीं दिए
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फेसबुक की भारत में टॉप पब्लिक पॉलिसी एग्जीक्यूटिव ने नफरती भाषण के नियम बीजेपी नेता पर लगने नहीं दिए
(प्रतीकात्मक फोटो: iStock) 

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फेसबुक पर जाने वाले कंटेंट की पुलिसिंग के लिए जिम्मेदार कंपनी के कुछ लोगों ने बीजेपी सांसद टी राजा सिंह की प्रोफाइल नफरती भाषण को बढ़ावा देने की वजह से स्थायी तौर से बैन करने का सुझाव दिया था. हालांकि, फेसबुक की भारत में टॉप पब्लिक पॉलिसी एग्जीक्यूटिव आंखी दास ने नफरती भाषण के नियम राजा सिंह पर लगने नहीं दिए. इन सब बातों का खुलासा वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) ने 14 अगस्त को अपनी एक रिपोर्ट में किया.

WSJ ने ‘Facebook’s Hate Speech Rules Collide With Indian Politics’ नाम की 1700 शब्दों की रिपोर्ट में इस बात की जांच की है कि किस तरह राजनीतिक संबंधों का भारत में फेसबुक की नीतियां लागू करने पर प्रभाव होता है.

दिल्ली विधानसभा की कमेटी भेजेगी समन

इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद से विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने बीजेपी पर ‘फेसबुक को कंट्रोल’ करने का आरोप लगाया. वहीं, दिल्ली विधानसभा की पीस और हार्मनी कमेटी ने बताया है कि उसके चेयरमैन और AAP विधायक राघव चड्ढा को नफरती कंटेंट पर एक्शन न लेने पर फेसबुक के खिलाफ कई शिकायतें मिली हैं.  

इसीलिए अब दिल्ली विधानसभा की ये कमेटी फेसबुक को नफरती पोस्ट के लिए समन जारी करेगी. इस कमेटी का कहना है कि चुनावों के दौरान बीजेपी नेताओं के भड़काऊ बयानों पर फेसबुक की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया गया.

हालांकि, राजा सिंह अकेले बीजेपी नेता नहीं हैं जिन पर आंखी दास नफरती भाषण के नियम लगाने के खिलाफ रही हों. WSJ की रिपोर्ट में फेसबुक के मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों के हवाले से बताया गया कि कम से कम तीन हिंदू राष्ट्रवादी संगठनों और लोगों के खिलाफ दास ने कभी कार्रवाई नहीं शुरू की, जबकि कर्मचारियों ने इन लोगों और संगठनों के हिंसा को बढ़ावा देने या उसमें शामिल होने की बात सामने रखी थी.

2011 में फेसबुक जॉइन करने वालीं आंखी दास भारत, साउथ और सेंट्रल एशिया की पब्लिक पॉलिसी हेड हैं. एक पूर्व कर्मचारी ने WSJ को बताया कि दास उस टीम की हेड हैं, जो ये फैसला करती है कि प्लेटफॉर्म पर क्या कंटेंट जाएगा और क्या नहीं.

इन कर्मचारियों ने WSJ को बताया, “दास ने स्टाफ मेंबर्स से कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी की पार्टी के नेताओं के उल्लंघनों को सजा देने पर कंपनी की भारत में बिजनेस संभावनाओं को नुकसान होगा.” 

बीजेपी के सिंह, हेगड़े और मिश्रा ने क्या कहा था?

जिन पोस्ट्स से दिक्कत थीं, उनमें राजा सिंह के रोहिंग्या मुसलमानों को गोली मारने, मुस्लिमों को गद्दार कहने और मस्जिदों को ढहाने की धमकी देने जैसे पोस्ट शामिल हैं. फेसबुक की पुलिसिंग टीम ने मार्च 2020 तक तय कर लिया था कि सिंह ने न सिर्फ नफरती भाषण के नियमों का उल्लंघन किया है, बल्कि उन्हें 'डेंजरस' करार दिया जाना चाहिए. रिपोर्ट में कंपनी के सूत्रों के हवाले से बताया गया कि 'डेंजरस' करार दिए जाने पर शख्स की फेसबुक के बाहर की गतिविधि को भी देखा जाता है.

टीम का कहना था कि सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील भारत में सिंह के पोस्ट की वजह से हिंसा हो सकती है और उन्हें दुनियाभर में प्लेटफॉर्म से स्थायी रूप से बैन किया जाना चाहिए. लेकिन इन चिंताओं के बावजूद, सिंह हजारों फॉलोअर्स के साथ सोशल मीडिया पर एक्टिव रहे. 

एक और बीजेपी सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने कई बार अपने पोस्ट्स में आरोप लगाया कि 'कोरोना जिहाद' छेड़ने के लिए मुस्लिम कोरोना वायरस फैला रहे हैं.

ट्विटर ने इन पोस्ट्स के बाद हेगड़े का अकाउंट सस्पेंड कर दिया था, लेकिन फेसबुक ने WSJ के कंपनी से जवाब मांगने तक इन पोस्ट्स पर कोई कार्रवाई नहीं की. जिसके बाद कंपनी ने 13 अगस्त को कुछ पोस्ट्स को हटा दिया.

WSJ ने हेगड़े से जवाब मांगा था, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया.

इसी तरह इस साल फरवरी में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने नॉर्थईस्ट दिल्ली में भीड़ के बीच एक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर पुलिस एंटी-CAA प्रदर्शनकारियों का लगाया हुआ रोड ब्लॉकेड नहीं हटाएगी, तो उनके समर्थक ये करेंगे. इस भाषण के कुछ घंटे बाद ही दंगे भड़क गए थे.

मिश्रा ने माना है कि फेसबुक ने ये वीडियो हटा लिया है. उनका कहना था कि इसमें हिंसा के लिए उकसाया नहीं गया. WSJ के फेसबुक से जवाब मांगने के बाद 13 अगस्त को मिश्रा के कुछ पोस्ट हटाए गए.

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'दास ने बीजेपी के अनुकूल बर्ताव किया'

WSJ की रिपोर्ट बताती है कि कैसे दास ने चुनाव-संबंधी मामलों में बीजेपी के अनुकूल बर्ताव किया. अप्रैल 2019 में लोकसभा चुनावों के लिए वोटिंग शुरू होने से कुछ दिनों पहले फेसबुक ने ऐलान किया था कि उसने अप्रमाणित पेजों को हटाया है. इनमें पाकिस्तान मिलिट्री और कांग्रेस से जुड़े पेज शामिल थे.

हालांकि, अपने ऐलान में फेसबुक ने ये नहीं बताया था कि उसने बीजेपी संबंधी झूठी खबरों के पेज भी हटाए हैं.  

फेसबुक के लिए भारत एक अहम बाजार

अपनी बड़ी जनसंख्या की वजह से भारत में फेसबुक और WhatsApp के सबसे ज्यादा यूजर हैं. WSJ की रिपोर्ट बताती है कि कैसे फेसबुक ने फैसला किया है कि भारतीय बाजार का इस्तेमाल पेमेंट और एन्क्रिप्शन जैसी योजनाएं लाने के लिए किया जाएगा.

कंपनी के पूर्व चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर एलेक्स स्टेमॉस ने WSJ को फेसबुक में मौजूद कॉन्फ्लिक्ट समझाया. उन्होंने कहा,

फेसबुक में बड़ी दिक्कत ये है कि एक ही पॉलिसी संगठन प्लेटफॉर्म के नियम और सरकारों को खुश रखने के लिए जिम्मेदार है.फेसबुक में बड़ी दिक्कत ये है कि एक ही पॉलिसी संगठन प्लेटफॉर्म के नियम और सरकारों को खुश रखने के लिए जिम्मेदार है.  

एलेक्स स्टेमॉस WSJ की एक रिपोर्ट की बात कर रहे थे, जिसमें बताया गया था कि कंपनी के एग्जीक्यूटिव अमेरिका में वेबसाइट को बांटने वाली बनाने की कोशिशों को अंदरूनी रूप से रोक रहे हैं.

हम नफरती भाषणों पर रोक लगाते हैं: फेसबुक प्रवक्ता

कंपनी के प्रवक्ता एंडी स्टोन ने WSJ को बताया कि आंखी दास ने इस बात पर चिंता जताई थी कि राजा सिंह को 'डेंजरस' करार दिए जाने से राजनीतिक दिक्कतें पैदा हो सकती हैं. हालांकि, स्टोन ने कहा कि सिर्फ दास के कमेंट की वजह से ही राजा सिंह फेसबुक पर बने रहे.

स्टोन ने कहा कि फेसबुक अभी विचार कर रहा है कि बैन की जरूरत है या नहीं. स्टोन का कहना है कंपनी दुनियाभर में नफरती भाषण और हिंसा पर रोक लगाती है और ऐसा 'बिना किसी की राजनीतिक पार्टी या संबंधों' को ध्यान में रखे बिना किया जाता है.

हम निष्पक्षता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर ऑडिट करते रहते हैं.  
एंडी स्टोन, फेसबुक प्रवक्ता

रिपोर्ट में बताया गया कि दास, सिंह या बीजेपी के किसी भी प्रवक्ता ने प्रतिक्रिया के निवेदन का जवाब नहीं दिया. प्रधानमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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