advertisement
वीडियो एडिटर: विशाल कुमार
भारत में कोरोनावायरस के मामले अचानक बढ़ गए हैं. पिछले कुछ महीनों में मरीजों की तादाद दहाई अंक तक नहीं पहुंची थी, लेकिन अब इनकी संख्या 30 हो गई है. खतरा इतना बढ़ गया है कि प्रधानमंत्री होली मिलन समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे. बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्यों के अध्यक्षों को कहा है कि वो भी होली मिलन समारोह में हिस्सा न लें. राष्ट्रपति भवन में होली के कार्यक्रम का आयोजन इस बार नहीं होगा. लेकिन ये समझना जरूरी है कि क्या इससे इतना डरने की जरूरत? कोरोना वायरस जब दुनिया में 1960 से है तो अभी इतना खतरा क्यों बढ़ गया है? इसे कोरोना क्यों कहते हैं? इसके कितने प्रकार हैं?
सबसे पहले कोरोना वायरस पर आपको ताजा अपडेट दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बताया है कि इटली से आए पर्यटकों के एक दल में कोरोनावायरस पाया गया है. इनकी संख्या 16 है. एक ड्राइवर को भी संक्रमण हुआ है. इटली से आया एक शख्स दिल्ली में पीड़िता हुआ तो उसने अपने घर के 6 लोगों को संक्रमित कर दिया. एक मामला जयपुर और एक मामला तेलंगाना का था. तीन लोग केरल में भी मिले थे जिनका अब इलाज हो चुका है. मामले की गंभीरता का अंदाजा आप इससे लगा लीजिए कि अभी हर्षवर्धन ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म ही की थी कि एक ताजा मामला तेलंगाना का और आ गया. गुरुग्राम में पेटीएम कंपनी का एक कर्मचारी भी पॉजिटिव पाया गया है. इस तरह से अब तक देश में कोरोनावायरस के 30 मामले सामने आ चुके हैं..
सरकार अपनी तरफ से मुस्तैदी की कोशिश कर रही है. अब तक 16 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है. अब ये भी तय किया गया है कि अब बाहर से आने वाले हर शख्स की स्क्रीनिंग होगी. 15 टेस्ट लैब पहले से थे, अब 19 और तैयार किए जा रहे हैं. ईरान में भारतीय फंसे हैं तो वहां एक वैज्ञानिक भेजा गया है, तीन और भेजे जाएंगे. वहां भी सरकार एक लैब बना रही है.
कुल मिलाकर अब समझ गए होंगे कि खतरा बड़ा है. लेकिन शायद ये बात सरकार थोड़ा नहीं समझ पाई. चीन समेत पूरी दुनिया को पिछले कुछ महीने से ये वायरस सता रहा है फिर भी हमने शायद बाहर से आने वाले हर शख्स की स्क्रीनिंग का फैसला देर से किया. अगर पहले कर लेते तो शायद 16 इटालियन लोगों ग्रुप को रोक पाते.
अब ये समझ लीजिए कि कोरोनावायरस को लेकर चल रहे कुछ शब्दों का क्या फेर है. आपने कोरोनावायरस सुना, नोवेल कोरोना सुना, कोविड 19 सुना. तो ये सब हैं क्या?
अब आसानी से ऐसे समझ सकते हैं कि जैसे HIV तो वायरस होता है और उससे जो बीमारी होती है उसका नाम होता है AIDS. ठीक ऐसी है COVID-19 बीमारी है जिसे कोरोनावायस डिजीज भी कहते हैं. COVID-19 नाम कोरोनावायरस से होने वाली बीमारी के लिए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन द्वारा दिया गया आधिकारिक नाम है. इसके वायरस का नाम है- SARS-CoV-2
नोवेल कोरोनावायरस (nCoV)- कोरोनावायरस का नया स्ट्रेन है, जिसकी इससे पहले इंसानों में पहचान नहीं हुई थी यानी इंसानों को इससे संक्रमित नहीं पाया गया था.
कोरोनावायरस का नाम उनकी सतह पर क्राउन जैसे स्पाइक की वजह से पड़ा है. कोरोनावायरस के चार मुख्य सबग्रुप हैं- अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा. 60 के दशक में ह्यूमन कोरोनावायरस पहली बार पहचाने गए थे. वो 7 कोरोनावायस जो इंसानों को प्रभावित करते हैं.
भारत को बहुत सावधानी की जरूरत क्योंकि अब ये ग्लोबल समस्या बनती जा रही है. चार मार्च तक चीन में करीब 3 हजार मौतें हो चुकी हैं. दक्षिण कोरिया में 33 मौते हो चुकी हैं..इटली में 79 और ईरान में 77 मौतें हो चुकी है. दुनिया भर में 93000 से ज्यादा लोगों को कोरोनावायरस पीड़ित कर चुका है. सबसे चिंता की बात ये है कि अमेरिका जहां के हेल्थ सिस्टम को आप बहुत बेहतर मान सकते हैं वो मौतों के मामले में नंबर पांच पर पहुंच गया है तो जरा अब दोबारा सोचिए कि भारत जैसे देश जहां कि हेल्थ सिस्टम बेहाल है, वहां कितना खतरा है.
खतरा इसलिए भी बड़ा है क्योंकि कोरोनावायरस की कोई वैक्सीन नहीं बन पाई. चीन ने कहा है कि इसके लिए 6 महीने का इंतजार करना होगा, और अमेरिका ने तो एक साल मांगा है. लेकिन फिर भी पैनिक में आने की जरूरत नहीं है, 92% मामलों में पीड़ित लोग ठीक हो रहे हैं. जाते-जाते आपको सुनाता हूं एम्स के डायरेक्टर को, जो तमाम डरे हुए लोगों को बता रहे हैं कि खतरा तो बड़ा है लेकिन जागरूकता और थोड़े बचाव से इससे लड़ा जा सकता है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)