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LIKE घोटाला: सब फर्जीवाड़ा या इस मॉडल में आगे की सोच छ‍िपी है?

किन्हें लगता है कि वो ठगे गए हैं और वो कौन हैं जो अनुभव मित्तल के साथ हैं?

मानवी
भारत
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(फोटो: द क्विंट)
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(फोटो: द क्विंट)
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अनुभव मित्तल आगे की सोच रखने वालों में से है. उसे गलत आरोप में गिरफ्तार किया गया है. मेरे जैसे कई लोगों को उसने सपना देखने का साहस दिया है. 
आशुतोष शर्मा, सोशल ट्रेड यूजर, दिल्ली निवासी

घोटालेबाज या दूरदर्शी?

यूपी एसटीएफ ने 2 फरवरी 2016 को एब्‍लेज प्राइवेट लिमिटेड के 26 साल के डायरेक्टर अनुभव मित्तल समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया. फेसबुक लाइक के जरिये ठगी के धंधे का खुलासा हुआ. करीब साढ़े छह लाख लोगों को लगाई गई 3700 करोड़ रुपये की चपत के इस मामले ने जांच एजेंसियों के भी होश उड़ा दिए थे.

लेकिन साथ-साथ लोग मित्तल की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं. हजारों लोग दिल्ली के जंतर-मंतर पर गिरफ्तारी के विरोध में इकट्ठे होकर नाराजगी जता रहे हैं. उनका कहना है कि मित्तल दूरदर्शी है, उसकी गिरफ्तारी गलत है.

सवाल ये है कि सोशल ट्रेड का काम कैसे चलता था. क्या ये ‘घोटाला’ है? किन्हें लगता है कि वो ठगे गए हैं और वो कौन हैं जो अनुभव मित्तल के साथ हैं?

सोशल ट्रेड का बिजनेस माॅडल

सोशल ट्रेड एब्‍लेज प्राइवेट लिमिटेड का डिजिटल मार्केटिंग वेब पोर्टल है. ये कंपनी, आॅर्गेनाइजेशन या किसी भी शख्स को लाइक बेचते हैं जो अपना वेबपेज, फेसबुक पेज, यू ट्यूब चैनल प्रमोट कराना चाहते हैं.

मेरी वाइफ का एक बिजनेस पेज है. वो इसे प्रमोट कराना चाहती थी. मैंने इसे फेसबुक पर प्रमोट करना चाहा लेकिन फेसबुक पर ये महंगा पड़ रहा था. वहां एक लाइक की कीमत लगभग 30 रुपए पड़ रही थी. फिर मुझे सोशल ट्रेड के बारे में पता चला. जहां ये सस्ता है, साथ ही साथ मुझे अपना इन्वेस्टमेंट भी वापस मिल जा रहा है.
आशुतोष शर्मा, सोशल ट्रेड यूजर, दिल्ली निवासी

आशुतोष एक आईटी बिजनेस एनालिस्ट हैं जो दिल्ली में रहते हैं. उन्होंने 57,500 रुपये इन्वेस्ट किया और एक साल के अंदर उनकी पत्नी के फेसबुक पेज पर 6,000 लाइक्स दिलवाने का वादा किया गया.

उनके अनुसार इसमें सबसे अच्छी बात ये है कि वो अपने पैसे वापस पा सकते हैं सिर्फ 125 लिंक्स पर डेली क्लिक कर के. उन्हें इसके लिए 625 रुपए हर दिन मिलते थे. टैक्स काट कर उनके खाते में 475 रुपए पहुंचा दिए जाते थे. ये ट्रांजैक्शन NEFT के जरिए किया जाता था.

सोशल ट्रेड के कई पैकेज हैं जो 5,750 रुपए से शुरु होता है. साथ ही इनका डेली, वीकली और मासिक वर्क प्लान होता है. यानी लिंक्स पर क्लिक करने का काम. इन प्लान के मुताबिक पैसे यूजर के अकाउंट में ट्रांसफर किए जाते हैं. ये लिंक फेसबुक पेज, ब्लाॅग, यू ट्यूब चैनल के होते हैं और सिर्फ 30 सेकेंड तक के लिए ही ये लिंक खुलते हैं.

सोशल ट्रेड अकाउंट बनाने के लिए यूजर को साइन-अप अमाउंट जमा करना होता है. पेमेंट के लिए केवाईसी और बैंक डिटेल भी देना पड़ता है.

पर सभी सोशल ट्रेड यूजर के पास प्रमोट करने के लिए पेज या लिंक नहीं होता. ऐसे में लोग रजिस्ट्रेशन के लिए अपना पर्सनल फेसबुक पेज या किसी करीबी के फेसबुक पेज का लिंक दे देते हैं.

तमिलनाडु के रमेश एस फिलहाल बेंगलुरु में रह रहे हैं. उन्होंने द क्विंट को बताया कि उन्होंने अपने दोस्त से सोशल ट्रेड के बारे में सुना और पांच लिंक के साथ रजिस्ट्रेशन करा तीन लाख का इन्वेस्टमेंट किया है. उन्होंने तीन रजिस्ट्रेशन दिसंबर में और दो जनवरी में कराए हैं.

क्विंट से बातचीत में लगभग 6 इन्वेस्टर्स में से 4 इन्वेस्टर्स ने कबूला कि उन्होंने बिना लाॅगइन किए या सिर्फ फेसबुक प्रोफाइल का लिंक देकर रजिस्ट्रेशन कराया है.

जितने ज्यादा लिंक मिलेंगे क्लिक करने को उतनी ज्यादा ही कमाई भी होगी. रमेश हर दिन 250 लिंक्स पर क्लिक करते हैं.

उन्हें 'बूस्टर' मिला है. ये 'बूस्टर' इंसेंटिव के तरह होते हैं जो उन यूजर्स को मिलते हैं जिन्होंने दो और यूजर को सोशल ट्रेड से जोड़ा है.

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फ्रेंज अप- मित्तल का फेसबुक इंडिया प्लान

सोशल ट्रेड यूजर्स के मुताबिक 2016 में एब्‍लेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी मुश्किल से गुजर रही थी.

मिनिस्ट्री आॅफ कंज्यूमर्स के लाए गए नए नियमों के मुताबिक कंपनी अपने बिजनेस माॅडल में बदलाव ला रही थी.

9 सितंबर 2016 को मल्टी लेवल मार्केटिंग और डायरेक्ट सेलिंग को लेकर मिनिस्ट्री ने नियमों में बदलाव किए थे.

इसके बाद एबलेज प्राइवेट लिमिटेड दो भागों में बंटी 3W डिजिटल मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड और इंटमार्ट प्राइवेट लिमिटेड. फ्रेंज अप 3W डिजिटल मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड का मेन प्रोडक्ट है जो डिजिटल मार्केटिंग के लिए एक फेसबुक जैसा प्लेटफाॅर्म है.

इन बदलावों की वजह से कंपनी यूजर्स को समय पर पेमेंट नहीं कर पा रह थी. यूजर्स का कहना है कि इन बदलावों से पहले कंपनी पैसे सही समय पर दे देती थी.

यूजर्स का पेमेंट रोका

लोगों को उनके पेमेंट नहीं दिए जाने का आरोप मित्तल पर लगाया गया. एसटीएफ को ई-मेल के जरिये मिलने वाली शिकायतों का आंकड़ा 6 हजार की संख्या पार कर गया है. देश के कई इलाकों में एफआईआर दर्ज होने की खबरें आ रही हैं जिनकी जानकारी एसटीएफ जुटाने में लगी है.

लोगों ने आरोप लगाए कि उनके पैसे उन्हें नहीं दिए जा रहे हैं. नोएडा में 3 जगह शिकायत दर्ज होने कि बाद मित्तल को गिरफ्तार किया गया है.

एक यूजर ने कहा कि उसके पैसे दो सप्ताह से नहीं दिए जा रहे थे. कंपनी ने इसे बिजनेस माॅडल में हो रहे बदलाव की वजह से पेमेंट में हो रही देरी बताई थी.

फेसबुक पर मित्तल के सपोर्ट में अनुभव मित्तल नाम का पेज चलाया जा रहा है. कई लोग उसका समर्थन कर रहे हैं. उसे दूरदर्शी और एक अच्छा बिजनेसमैन बता रहे हैं. लोगों का कहना है कि लेकिन इस जागो ग्राहक जागो के तहत उस पर आरोप लगाने वाले वो लोग हैं जिनके पेमेंट में थोड़ी सी देर कर दी गई या फिर जो अपना इन्वेस्टमेंट वापस पाना चाहते हैं.

लेकिन इस पूरे मामले से एक बात निकल कर सामने आई है

  • रिपोर्ट दर्ज की गई कि सोशल ट्रेड यूजर्स के पास जो लिंक भेजे जा रहे थे वो फेक सर्वर से जा रहे थे. ये कैसे हुआ अब तक साफ नहीं हो पाया है.
  • ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के किस चार्ज के तहत जांच करेगी.

जब तक सच सामने नहीं आ जाता तब तक सोशल ट्रेड यूजर्स क्या करें?

मैं एक सप्ताह तक इंतजार करूंगा और उसके बाद शिकायत करूंगा. अगर उसे नहीं छोड़ा गया तो हम लोग जेल भरो की जगह मास ब्लड डोनेशन करेंगे.
आशुतोष शर्मा, सोशल ट्रेड यूजर, दिल्ली निवासी

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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