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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रविवार रात से केंद्र के खिलाफ 'संविधान बचाओ' धरने पर बैठी हुई हैं. पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र के बीच यह घमासान तब शुरू हुआ हुआ, जब सीबीआई की एक टीम चिटफंड घोटालों के सिलसिले में कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने उनके घर पहुंची.
इसी बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पुलिस प्रमुख के आवास पर पहुंचीं और केंद्र सरकार पर राजनीतिक बदला लेने का आरोप लगाया. उधर कोलकाता के पुलिस अधिकारियों की एक टीम सीजीओ परिसर पहुंची, जहां सीबीआई का राज्य मुख्यालय है.
केंद्र पर तीखा हमला बोलते हुए ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर आरोप लगाया कि वे पश्चिम बंगाल में तख्तापलट की कोशिश कर रहे हैं. ममता ने कहा कि प्रधानमंत्री के इशारे पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सीबीआई को राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने का निर्देश दे रहे हैं.
ममता ने राजीव कुमार के आवास के बाहर कहा, ''हमारी सरकार ने सत्ता में आने के बाद चिटफंड मालिकों को गिरफ्तार किया. हमने ही मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया.''
सीबीआई के संयुक्त निदेशक पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि एजेंसी के अधिकारी कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार के आवास पर उनसे चिटफंड मामले में पूछताछ करने गए थे और ‘अगर वह हमारा सहयोग नहीं करते तो हम उन्हें हिरासत में लेते'.
सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव ने कहा, ''हम सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर चिट फंट मामलों की जांच कर रहे हैं. कोर्ट के निर्देश से पहले पश्चिम बंगाल की सरकार ने राजीव कुमार की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन किया था. उन्होंने सभी सबूतों का चार्ज अपने हाथ में ले लिया और सभी कागजात जब्त कर लिए. वह कागजात सौंपने में हमारा सहयोग नहीं कर रहे. कई सबूत मिटा दिए गए हैं या फिर छिपा दिए गए हैं.'' इसके साथ ही राव ने कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस इस मामले में सहयोग नहीं कर रही, इसलिए सीबीआई सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी.
जॉइंट पुलिस कमिश्नर (क्राइम) प्रवीण त्रिपाठी ने बताया कि सीबीआई अधिकारियों को पूछताछ के बाद थाने से जाने दिया गया है. उन्होंने बताया, ''सीबीआई की एक टीम बिना किसी पेपर के आई थी. उसके मुताबिक, वह सीक्रेट ऑपरेशन के लिए आई थी. जब उससे पूछा गया कि यह ऑपरेशन किस बारे में है तो उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिया.''
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