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मध्य प्रदेश में एनकाउंटर में मारे गए सिमी आतंकियों ने पहले भी जेल से भागने की कोशिश की थी. मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज चौहान ने पूरे मामले की एनआईए से जांच कराने की सिफारिश की है, जिसे गृहमंत्री ने मान भी लिया है. लेकिन सिमी है क्या?
आइए जानते हैं सिमी के बारे में 6 बड़ी बातें
सिमी यानी स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) का गठन 39 साल पहले अप्रैल 1977 को किया गया था. इसका फाउंडर प्रेसिडेंट मोहम्मद अहमदुल्ला सिद्दीकी था. लेकिन माना जाता है कि इसकी शुरुआत काफी पहले हो चुकी थी. 1956 में बने प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी को ही नया रूप देकर सिमी की शुरुआत की गई थी.
आतंकी गतिविधियों में शामिल होने और आतंकी संगठनों के साथ संबंध होने के चलते 2001 में भारत सरकार ने सिमी को प्रतिबंधित संगठनों में शामिल कर दिया था. लेकिन 2008 में एक विशेष न्यायाधिकरण के तहत सिमी पर से प्रतिबंध हटा दिया गया था, लेकिन इसके बाद इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती मिली और कुछ दिन बाद ही यह प्रतिबंध फिर से लागू कर दिया गया.
2002 में संगठन पर प्रतिबंध लगने के बाद सिमी ने अपने मूवमेंट को चलाने के लिए एक नए संगठन का 'नकाब' पहना. इस संगठन का नाम है इंडियन मुजाहिदीन. इंडियन मुजाहिदीन पर देश में कई जगह विस्फोट कराने का आरोप है. साथ ही कहा जाता है कि आईएम के सभी संगठन स्लीपिंग मॉड्यूल की तरह काम करते हैं.
खबरों में तो यहां तक की बातें कही गई हैं कि करीब 10 साल पहले पाकिस्तान से कुछ लोग क्रिकेट मैच देखने के लिए टूरिस्ट वीजा लेकर आए, लेकिन इसके बाद उनके वापस जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है. ऐसे लोगों की संख्या करीब 400 के आसपास है. कहा जाता है कि सुनियोजित तरीके से इन लोगों को सिमी जॉइन कराने के लिए पाकिस्तान से लाया गया था.
पिछले कुछ साल में यूपी, गुजरात और मध्य प्रदेश पुलिस ने सिमी के कई आतंकी पकड़े. साल 2008 में इंदौर के एक घर पर दबिश के दौरान संगठन के तत्कालीन प्रमुख सफदर नागौरी को पकड़ लिया गया. नागौरी, उज्जैन जिले का रहने वाला था. दो साल पहले बिजनौर में एक घर के अंदर विस्फोट के बाद सामने आई थी, जिसमें सिमी का हाथ था.
मध्य प्रदेश का आतंकी संगठन सिमी से गहरा कनेक्शन रहा है. देशभर में सिमी के सबसे ज्यादा सदस्यों की गिरफ्तारी एमपी से ही हुई है. 2015 में मोदी सरकार ने सिमी पर प्रतिबंध अनिश्चितकालीन समय के लिए बढ़ाकर इस संगठन के खिलाफ कार्रवाई सख्त कर दी है. वहीं कुछ पार्टियां सिमी की तुलना आरएसएस से भी कर चुके हैं.
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