Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019कांग्रेस ने पीएम से पूछा-पहले ये बताएं कि देश का वित्तमंत्री कौन?

कांग्रेस ने पीएम से पूछा-पहले ये बताएं कि देश का वित्तमंत्री कौन?

कांग्रेस ने सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर आर्थिक विकास में नाकाम रहने का आरोप लगाया.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
कांग्रेस ने पीएम से पूछा-पहले ये बताएं कि देश का वित्तमंत्री कौन?
i
कांग्रेस ने पीएम से पूछा-पहले ये बताएं कि देश का वित्तमंत्री कौन?
(फोटो: पीटीआई)

advertisement

कांग्रेस ने सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर आर्थिक विकास में नाकाम रहने का आरोप लगाया. साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री देश को बताएं की देश का वित्तमंत्री कौन है. पार्टी ने कहा कि ''आर्थिक कुप्रबंधन'' की वजह ये है कि इस सरकार को समझ नहीं आया कि 'सामाजिक वैमनस्य और आर्थिक विकास साथ-साथ नहीं चल सकते.' कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, ''देश का वित्त मंत्री कौन है? प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट कुछ कहती है, वित्त मंत्रालय की वेबसाइट कुछ कहती है. स्थिति साफ होनी चाहिए. प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए कि उनकी सरकार में कौन वित्त मंत्री है?''

पीयूष गोयल को दिया गया था अतिरिक्त प्रभार

अरुण जेटली के खराब स्वास्थ्य की वजह से कुछ महीने पहले ही रेलमंत्री पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था. तिवारी ने कहा, ''रविवार को पीएम ने नीति आयोग की बैठक में कहा कि भारत की आर्थिक विकास की दर को दहाई के आंकड़े में ले जाने की जरूरत है और हम 5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था होने वाले हैं. हम भी चाहते हैं ऐसा हो लेकिन हम प्रधानमंत्री से कुछ सवाल पूछना चाहते हैं.'' उन्होंने कहा, ''हम पूछना चाहते हैं कि ये संशोधित जीडीपी से जुड़े डेटा जारी क्यों नहीं किये जा रहे हैं ?"

अर्थव्यवस्था की हालत खराब: मनीष तिवारी

मनीष तिवारी ने कहा कि जीडीपी की दर 2004 से 2009 तक औसत 9.2 फीसदी थी. 2009-14 में 7.5 फीसदी थी. इस सरकार में औसत जीडीपी 7.1 फीसदी रही है. उन्होंने कहा,''स्थानीय निजी निवेशकों के जरिए देश की अर्थव्यवस्था में निवेश करने के मामले में 2016-17 आर्थिक उदारीकरण के बाद का सबसे खराब साल रहा है.'' उन्होंने कहा कि चालू खाता घाटा इतना ज्यादा हो गया है कि इंटरनेशनल फाइनेंशियल यूनिट्स देश के फाइनेंशियल मैनेजमेंट को लेकर सवाल खड़े कर रही हैं. तिवारी ने कहा, ''भारतीय बैंकिंग सिस्टम को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. जब हम कहते हैं कि ये सूटबूट की सरकार है तो ये आंकड़े उसकी पुष्टि करते हैं."

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

प्रधानमंत्री के 2 करोड़ रोजगार के वादे का क्या हुआ

उन्होंने कहा, ''प्रधानमंत्री ने हर साल दो करोड़ रोजगार का वादा किया था लेकिन इन चार साल में हर साल औसतन सिर्फ ढाई लाख नौकरियां पैदा की गईं.'' कांग्रेस नेता ने पूछा, ''प्रधानमंत्री जी से हम पूछना चाहते हैं कि क्या ये सही नहीं है कि 2014-2018 के बीच भारतीय बैंकों ने 392,765 करोड़ रुपये के कर्ज बट्टे खाते में डाले?" तिवारी ने कहा, ''इस आर्थिक कुप्रबंधन की सबसे बड़ी वजह यह है कि इस सरकार को ये समझ नहीं कि सामाजिक वैमनस्य और आर्थिक विकास साथ साथ नहीं चल सकते. सामाजिक सद्भाव के बिना आर्थिक विकास संभव नहीं है.''

(इनपुट: पीटीआई)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT