दिल्ली में आईएएस अधिकारियों और केजरीवाल सरकार के बीच चल रही अनबन को लेकर राहुल गांधी ने केजरीवाल और पीएम मोदी पर तंज कसा है. राहुल गांधी ने कहा है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार समेत कई खेमों में चल रहे इस नाटक का नतीजा दिल्ली के लोगों को झेलना पड़ रहा है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा-
- दिल्ली के सीएम, एलजी ऑफिस में धरने पर बैठे हैं
- बीजेपी, सीएम आवास पर धरने पर बैठी है
- दिल्ली के अफसर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं
- पीएम अराजकता पर आंख मूंदकर अव्यवस्था को बढ़ावा दे रहे हैं
- दिल्ली में ये नाटक चल रहा है और लोग पीड़ित हैं
इससे पहले कांग्रेस ने बीजेपी और AAP को ही मामले का जिम्मेदार ठहराया था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी.सी. चाको ने कहा, "अगर दिल्ली सरकार और नौकरशाही के बीच रिश्ते संतोषजनक नहीं हैं तो हमें लगता है कि इसके लिए न केवल केंद्र सरकार, बल्कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल भी बराबर के जिम्मेदार हैं." बता दें कि सीएम केजरीवाल और उनके कुछ मंत्री पिछले एक हफ्ते से दिल्ली के एलजी के घर पर हड़ताल पर बैठे थे. इस दौरान सोमवार को डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की तबीयत बिगड़ गई.
कांग्रेस से साथ आने की अपील की
राहुल गांधी की इस टिप्पणी से पहले आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने इस मामले पर कांग्रेस को साथ आने की अपील की. उन्होंने कहा “कांग्रेस को निश्चित रूप से सोचना चाहिए जब मणिपुर, उत्तराखंड में लोकतंत्र की हत्या हुई सबसे पहले ‘आप’ ने कांग्रेस से पहले आवाज उठाई. दिल्ली में लोकतंत्र की हत्या हो रही है और कांग्रेस की ये चुप्पी राजनैतिक इतिहास में काले अक्षरों में लिखी जाएगी".
क्या है पूरे मामले की जड़?
दिल्ली सरकार और IAS अफसरों के बीच चल रही ये खींचतान फरवरी में शुरू हुई. जब सीएम आवास पर केजरीवाल की मौजूदगी में ही आप के दो विधायकों ने मुख्य सचिव अंशू प्रकाश के साथ कथित तौर पर मारपीट की. इसके बाद से ही दिल्ली के आईएएस अधिकारी मंत्रियों और मुख्यमंत्री की नियमित बैठकों में शामिल नहीं हो रहे हैं.
केजरीवाल ने रविवार को अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का वादा किया था और मंत्रियों की बैठक में उपस्थित होने और काम पर लौटने का आग्रह किया था. वहीं सोमवार को आईएएस अधिकारियों ने दिल्ली सरकार से बातचीत पर सहमति जताई.
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