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केंद्र सरकार के 3 नए कृषि कानूनों का विरोध तेज होता जा रहा है और किसान संगठन दिल्ली की अलग-अलग बॉडर्स पर धरना दे रहे हैं. लेकिन अब किसानों के इस आंदोलनों में किसान नेताओं के चेहरे नजर आने लगे हैं. 29 नवंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 3 किसान यूनियन के नेताओं से व्यक्तिगत तौर पर फोन करके बात की और उनसे बुराड़ी में तय जगह पर प्रदर्शन करने की अपील की. इन्हीं 3 नेताओं में शामिल हैं जोगिंदर सिंह उगराहां, जो कि पंजाब के सबसे बड़े किसान यूनियन 'भारतीय किसान यूनियन उगराहां' के प्रमुख हैं.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक जोगिंदर सिंह का जन्म 1945 में किसान परिवार में हुआ. उनके 4 भाई और 4 बहन थे. 1975 में जोगिंदर सिंह भारतीय सेना में भर्ती हुए, लेकिन पारिवारिक कारणों की वजह से उन्होंने नौकरी छोड़ दी और अपने गांव जाकर खेती करने लगे. जोगिंदर एक छोड़े किसान है, उनके पास 5 एकड़ ही जमीन है. फौजी रह चुके जोगिंदर संगरूर जिले के उगराहां गांव के रहने वाले हैं.
छोटे किसानों की दिक्कतों को समझने वाले जोगिंदर ने साल 2002 में भारतीय किसान यूनियन उगराहां की स्थापना की. ये भारतीय किसान यूनियन (BKU) से अलग संगठन है. जोगिंदर सिंह की छवि ईमानदार किसान नेता की है. इसी की वजह से किसान इनके संगठन से जुड़ते चले गए और आज ये पंजाब का सबसे प्रमुख किसान यूनियन बन चुका है. खास बात ये है कि इस यूनियन में बड़ी तादाद में महिलाएं भी शामिल हैं.
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए जोगिंदर सिंह उगराहां ने बताया कि उनके 'भारतीय किसान यूनियन उगराहां' ने 15 सितंबर से प्रदर्शन करना शुरू किया और तब उन्होंने पटियाला में पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल के घर का घेराव किया. साथ ही उन्होंने पटियाला के PUDA ग्राउंड में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ भी प्रदर्शन किया.
22 सितंबर को उन्होंने वहां प्रदर्शन खत्म किया और 24 सितंबर से पंजाब में 6 जगहों पर अनिश्चितकालीन रेल रोको धरना शुरू किया. इसके अलावा उन्होंने शॉपिंग मॉल, कॉरपोरेट पेट्रोल पंप, टोल प्लाजा, बीजेपी नेताओं के घरों का घेराव करना शुरू किया. हालांकि बाद में उनके यूनियन ने लोगों को हो रही असुविधा को देखते हुए 13 अक्टूबर को रेल ट्रैक्स से हटने का फैसला किया. इसके बाद दूसरे किसान यूनियन भी 21 अक्टूबर को रेल टैक्स से हट गए.
यूनियन के नेता जोगिंदर सिंह उगराहां का कहना है कि कॉरपोरेट भारतीय कारोबार का एक बड़ा हिस्सा हैं और अब वो कृषि सेक्टर को भी हथियाना चाहते हैं. हम उन्हीं कारोबारियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. हमारी सीधी लड़ाई उन्हीं से है. हमें पता है कि उनके मॉल्स, पेट्रोल पंप में काम करे वाले कर्मचारियों पर इन प्रदर्शनों का विपरीत असर पड़ रहा है लेकिन हम मजबूर हैं.
जब गृह मंत्री अमित शाह ने जोगिंदर सिंह उगराहां से फोन पर बात की और उनसे प्रदर्शन की तय जगह निरंकारी भवन बुराड़ी शिफ्ट होने का निवेदन किया इसके बाद उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए अपनी राय बताई है-
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