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प्याज के निर्यात पर रोक लगाए जाने के फैसले से किसान खुश नहीं हैं. सरकार के फैसले के विरोध में सोमवार को महाराष्ट्र के नासिक में किसानों ने प्याज की नीलामी रोक दी. साथ ही किसानों ने विरोध प्रदर्शन भी किया.
देश में सबसे ज्यादा प्याज का उत्पादन नासिक में होता है और नासिक स्थित लासलगांव प्याज की सबसे बड़ी मंडी है. चीन के बाद भारत में सबसे ज्यादा प्याज का उत्पादन होता है. भारत प्याज का एक बड़ा निर्यातक भी है. 7 से 11 फीसदी प्याज भारत निर्यात करता है.
महाराष्ट्र की एक दूसरी प्रमुख प्याज मंडी पिपलगांव में हालांकि सोमवार को प्याज की कुछ नीलामी हुई. यहां प्याज का थोक भाव 2,000-3,200 रुपये प्रति क्विंटल था. नासिक के प्याज कारोबारी महेश ने बताया कि प्याज की नई फसल नवंबर से जोर पकड़ेगी, लेकिन सरकार ने इससे पहले निर्यात पर रोक लगा दी है, जिससे किसानों को सीजन के दौरान अच्छा भाव नहीं मिल पाएगा.
इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकनॉमिक रिलेशंस में एग्रीकल्चर के प्रोफेसर अशोक गुलाटी इंडियन एक्सप्रेस में लिखते हैं-
अशोक गुलाटी प्याज के बेहतर स्टोरेज सिस्टम को डेवलप करने पर जोर दे रहे हैं. उनका कहना है कि निर्यात पर रोक नहीं बल्कि आयात को खोलने की जरूरत है. साथ ही वो ऐसा समय रहते करने की सलाह देते हैं.
इस साल भारी बारिश और बाढ़ के कारण देश के प्रमुख प्याज उत्पादक प्रदेश महाराष्ट्र और कर्नाटक में प्याज की फसल खराब होने और नई फसल की आवक में देरी होने से प्याज के दाम में भारी बढ़ोतरी हुई. प्याज के दाम में हुई बेतहाशा बढ़ोतरी के बाद सरकार हरकत में आई और प्याज की कीमत को कंट्रोल में रखने के लिए ऐसे ही कदम उठाए गए.
सरकार के फैसले के बाद दिल्ली की आजादपुर मंडी में बीते तीन दिनों से प्याज के दाम में स्थिरता बनी हुई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार को आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव 25-34 रुपये प्रति किलोग्राम था, जबकि आवक 46 ट्रक थी. हालांकि, पहले प्याज का भाव आजादपुर मंडी में 15-40 रुपये प्रति किलोग्राम था.
उन्होंने बताया कि नवरात्र का त्योहार शुरू होने के कारण प्याज की खपत भी कम हो गई है, जिससे कीमतों में स्थिरता है. हालांकि, दिल्ली-एनसीआर की सब्जियों की दुकानों में प्याज का खुदरा मूल्य अभी भी 50 रुपये प्रति किलोग्राम से ऊपर ही है.
बता दें, केंद्र सरकार ने देश की मंडियों में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने और इसकी कीमत को कंट्रोल में रखने के मकसद से खुदरा व्यापारियों के लिए इसकी स्टॉक सीमा 100 क्विंटल तय कर दी है. वहीं, थोक व्यापारी 500 कुंटल से ज्यादा प्याज नहीं रख सकते हैं.
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