Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019गर्मी में कोरोनावायरस मामलों में कमी आएगी? ट्रांसमिशन होता रहेगा

गर्मी में कोरोनावायरस मामलों में कमी आएगी? ट्रांसमिशन होता रहेगा

मानव शरीर के बाहर वायरस के व्यवहार का कुछ पता नहीं है

आकांक्षा कुमार
भारत
Updated:
मानव शरीर के बाहर वायरस के व्यवहार का कुछ पता नहीं है
i
मानव शरीर के बाहर वायरस के व्यवहार का कुछ पता नहीं है
(फोटो: IANS/altered by quint) 

advertisement

देश में कोरोनावायरस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने बताया है कि भारत में अब तक 300 से ज्यादा कन्फर्म मामले सामने आ चुके हैं. वहीं, कई मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि भारत में गर्मियां आने से वायरस का प्रकोप कम हो जाएगा. इसके बारे में ज्यादा जानने के लिए क्विंट फिट ने पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (PHFI) के प्रोफेसर के श्रीनाथ रेड्डी से संपर्क किया.

प्रोफेसर रेड्डी ने ईमेल पर जवाब देते हुए बताया कि नॉवेल कोरोनावायरस पर तापमान में बदलाव का फर्क नहीं पड़ता है. हालांकि इस वायरस के कुछ स्ट्रेन या प्रकार पर तापमान का प्रभाव देखा गया है.

कोरोनावायरस के बाकी स्ट्रेन में मौसमी बदलावों को देखा गया है. गर्मी में इनका प्रकोप कम हो जाता है. लेकिन हमें ये नहीं पता कि नॉवेल कोरोनावायरस के साथ भी ऐसा ही देखने को मिलेगा या नहीं.  
प्रोफेसर के श्रीनाथ रेड्डी

ब्लूमबर्गक्विंट के लिए ओपिनियन में डेविड फिकलिंग ने लिखा है कि "तापमान और नमी का वायरस पर प्रभाव होता है". फिकलिंग के तर्क के मुताबिक, भारत में अप्रैल से जून के बीच तापमान 38 से 50 डिग्री सेल्सियस रहने के मद्देनजर ऐसा माना जा रहा है कि संक्रमण कम हो जाएगा.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

हालांकि, प्रोफेसर रेड्डी बताते हैं कि वायरस का जिंदा रहना इस बात पर भी निर्भर करेगा कि ट्रांसमिशन का रास्ता कितना लंबा था.

आदमी से आदमी में संक्रमण अगर ड्रॉपलेट के रास्ते से हो रहा है, तो वायरस पर गर्मी का प्रभाव कम रहने की संभावना है क्योंकि ट्रांसमिशन का रास्ता छोटा है. वहीं, वायरस के फर्नीचर, बर्तन जैसी जगहों पर जिंदा रहने पर तापमान का असर हो सकता है.  
प्रोफेसर के श्रीनाथ रेड्डी

"मानव शरीर से बाहर वायरस के व्यवहार का पता नहीं"

फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) के सचिव डॉ सुनील अरोड़ा का कहना है कि मानव शरीर के बाहर वायरस के व्यवहार का 'कुछ पता नहीं' है. डॉ अरोड़ा ने कहा, "दिन लंबा होने और वायरस का एक्सपोजर समय बढ़ने के साथ ही नमी में बढ़ोतरी से गर्मियों में कम मामलों की अपेक्षा है."

चीन में कोरोनावायरस पर एक स्टडी में सामने आया है कि उसके फैलने पर 'तेज तापमान और ज्यादा नमी का प्रभाव' होता है.

गर्मी के मौसम में आम तौर पर कम वायरल इन्फेक्शन देखने को मिलते हैं. इस सवाल पर डॉ रेड्डी ने क्विंट को बताया, "हम सिर्फ ऐसी उम्मीद कर रहे हैं कि ऐसा ही हो जाए. गर्मी में संक्रमण बढ़ भी सकता है क्योंकि परिवार छुट्टियों पर जाते हैं. लेकिन अगर ट्रेवल पर प्रतिबंध लगाया गया, तो इसमें कमी आ सकती है."

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 22 Mar 2020,10:42 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT