Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019महिला आरक्षण विधेयक राज्यसभा में पेश, बिल से जुड़ी 10 बड़ी बातें

महिला आरक्षण विधेयक राज्यसभा में पेश, बिल से जुड़ी 10 बड़ी बातें

Women Reservation Bill: हालांकि, मौजूदा स्थिति को देखें तो सरकार राज्यसभा में भी बिल को आसानी से पास करा लेगी.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>महिला आरक्षण बिल</p></div>
i

महिला आरक्षण बिल

(फोटो- क्विंट हिंदी)

advertisement

महिला आरक्षण विधेयक (Women Reservation Bill) बुधवार (20 सितंबर) को लोकसभा में पारित हो गया और गुरुiवार (21 सितंबर) को इसे राज्यसभा में पेश किया गया. हालांकि, मौजूदा स्थिति को देखें तो सरकार राज्यसभा में भी बिल को आसानी से पास करा लेगी.

आइये आपको महिला आरक्षण विधेयक से जुड़ी 10 बड़ी बातें बताते हैं:

  • अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को समान लाभ देने और अगले साल (2024) के आम चुनाव से पहले इस उपाय को लागू करने की विपक्ष की मांग के बावजूद, लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने के विधेयक को लोकसभा ने बुधवार को भारी बहुमत से पारित कर दिया.

  • भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र के तीसरे दिन विधेयक के पक्ष में 454 वोट मिले और इसके खिलाफ केवल दो वोट मिले. बिल गुरुवार को राज्यसभा में पेश किया गया.

  • दशकों की कोशिशों के बाद आखिरकार इस बिल को लोकसभा से मंजूरी मिल गई. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 2008 में इस विधेयक को राज्यसभा में पेश किया था, जहां 2010 में यह पारित हो हुआ था. हालांकि, यह कभी भी लोकसभा में विचार के लिए नहीं पहुंचा.

  • बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण गुरुवार, 21 सितंबर को राज्यसभा में महिला कोटा बिल पर बोलने वाले हैं. बीजेपी की ओर से 14 महिला सांसदों और मंत्रियों द्वारा विधेयक पर बहस करने की उम्मीद है. इनमें ओबीसी समुदाय से तीन और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय से दो-दो महिला सांसद हैं.

  • महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने के बाद निर्वाचन क्षेत्रों के पहले परिसीमन के बाद ही महिला कोटा लागू किया जा सकता है. ऐसा 2027 में होने की संभावना है, क्योंकि परिसीमन अगली जनगणना के बाद ही किया जाता है. इसलिए, बिल 2029 तक लागू नहीं हो सकता है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
  • संभावित देरी ने विपक्षी दलों को मौका दिया है जो ओबीसी के लिए उप-कोटा वाले विधेयक को तत्काल लागू करने की मांग की है.

  • 20 सितंबर को संसद में बहस की शुरुआत करते हुए, कांग्रेस संसदीय दल प्रमुख सोनिया गांधी ने कहा, "पिछले 13 वर्षों से, भारतीय महिलाएं अपनी राजनीतिक जिम्मेदारियों का इंतजार कर रही हैं और अब उन्हें कुछ और वर्षों तक इंतजार करने के लिए कहा जा रहा है - दो साल, चार साल, छह साल, आठ साल."

  • कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, "दो बातें अजीब लगती हैं. एक, यह विचार कि आपको इस विधेयक के लिए नई जनगणना और नए परिसीमन की आवश्यकता है और मुझे लगता है कि यह विधेयक आज लागू किया जा सकता है. मुझे आश्चर्य है कि इसे सात या आठ साल आगे बढ़ाने और इसे वैसे ही चलने देने के लिए नहीं बनाया गया है जैसा चल रहा है."

  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि परिसीमन और जनगणना दोनों अगले आम चुनाव के बाद शुरू होगी. शाह ने कहा, "आइए हम पक्षपातपूर्ण राजनीति से ऊपर उठकर महिलाओं को वह सम्मान दें जिसकी वे हकदार हैं. इससे पहले उन्हें संसद से चार बार निराशा हाथ लगी है. इस विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया जाए."

  • प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भारी समर्थन के साथ विधेयक के पारित होने की सराहना की और सभी दलों के सांसदों को उनके वोट के लिए धन्यवाद दिया. पीएम ने 'X' पर पोस्ट किया, "मैं सभी पार्टियों के सांसदों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने इस विधेयक के समर्थन में मतदान किया. नारी शक्ति वंदन अधिनियम एक ऐतिहासिक कानून है जो महिला सशक्तिकरण को और बढ़ावा देगा और हमारी राजनीतिक प्रक्रिया में महिलाओं की और भी अधिक भागीदारी को सक्षम करेगा."

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT