advertisement
World Environment Day 2023: क्या आपने कभी ऐसा बर्तन देखा है, जिसे खाया जा सके? जी हां, आप पहले इनमें खाना खाइए और फिर इन्हें भी खा जाइये. भले ही आपको थोड़ा अजीब लगे, लेकिन ये सच है. कई ऐसी कंपनिया ऐसे खाद्य कटलरी (Edible Cutlery) और क्रॉकरी को लोगों तक पहुंचा रहे हैं जो पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के साथ-साथ किफायती भी है. ये कटलरी गेहूं, चावल, मक्का, ज्वार सहित मल्टीग्रेन से बनाई जाती है. तो आइये 'विश्व पर्यावरण दिवस’ पर जानते हैं कुछ ऐसे खाद्य कटलरी के बारें में जो इंडिया में बनाई जा रही है.
राइस स्ट्रॉ (Rice Straw) को चावल के आटे और कसावा के आटे से बनाया जाता है. इसका स्वरूप साधारण प्लास्टिक के तिनके जैसा ही होता है. इसकी सतह चिकनी, मजबूत और सख्त होती है. Edible Rice के Straws को गर्म पेय में कई घंटों तक भिगोया जा सकता है. इसके साथ ही कोल्ड ड्रिंक में भी अधिक समय तक रह सकता है.
क्विंट हिंदी ने एक ऐसे कैफे से बात की जो इस राइस स्ट्रॉ का इस्तेमाल करती है. Scuzo Ice 'O' Magic (भारत का पहला लाइव पॉप्सिकल कॉन्सेप्ट और डेजर्ट कैफे) के संस्थापक गगन आनंद ने कहा कि, गगन आनंद ने कहा कि, खाने की स्ट्रॉ को इस्तेमाल में लाने से फूड आइटम की लागत में कहीं बढ़ोतरी नहीं होती. उल्टा यह किफायती हो जाता है.
क्विंट हिंदी ने जब गगन आनंद से पूछा कि आपने कैसे तय किया कि आप प्लास्टिक की स्ट्रॉ की जगह राइस स्ट्रॉ इस्तेमाल करेंगे और ग्राहकों की कैसी प्रतिक्रिया रही?
गगन आनंद कहते हैं कि विश्व पर्यावरण दिवस पर हम खाने वाले चम्मच का इस्तेमाल शुरू कर रहे हैं.
इसके अलावा एक स्ट्रॉ ऐसी भी है जो मक्के से बनी हुई है जिसे कॉर्न स्ट्रॉ भी कहते हैं. क्विंट हिंदी ने एक ऐसे ब्रैंड से बात की जो कॉर्न स्ट्रॉ का इस्तेमाल करता है. Millo के फाउंडर सुजीत मेहता ने बताया कि:
ये कटोरी गेहूं से बनी हैं और खाने लायक हैं. ये कटोरी बनाने के लिए गेहूं का इस्तेमाल किया गया है. गेहूं को हाई प्रेशर पर गर्म करके मोल्ड में डालकर प्लेट के कटोरी में प्रेस किया जाता है, इसमें खाना लेकर खा सकते हैं और साथ में इसे भी का सकते हैं. बता दें कि खाने की कटोरी से पर्यावरण तो बचता ही है साथ ही आपके हेल्थ का भी ध्यान रखती है. दरअसल, इस कटोरी में इस्तेमाल को खाने से आपके डाइट में फाइबर भी शामिल हो जाता है.
‘आटावेयर’ कटलरी एडिबल क्रॉकरी, सिंगल यूज प्लास्टिक क्रॉकरी का सस्टेनेबल विकल्प है. जिसे आप एक बार खाने के लिए इस्तेमाल करके, इसे भी खा सकते हैं. अगर आप ना भी खाएं और इसे कहीं पर फेंक दें तब भी ये पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगी. इसके अलावा अगर जानवर इसे खाते है तो कोई नुकसान भी नहीं होगा और लैंडफिल में जाने के बाद मिट्टी के लिए पोषक होता है. इस एडिबल कटलरी को दिल्ली के रहने वाले पुनीत दत्ता ने आटे और गुड़ से बनाई है.
इस Edible Chocolate Bowl को बाजरा, दाल और मसालों से बनाया गया है. इस बाउल में कलर लाने के लिए इसमें चॉकलेट फ्लेवर का यूज किया गया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)