Home News India World Malaria Day 2023: मलेरिया के ये लक्षण हो सकते हैं खतरनाक, ऐसे करें बचाव
World Malaria Day 2023: मलेरिया के ये लक्षण हो सकते हैं खतरनाक, ऐसे करें बचाव
World Malaria Day 2023: दुनिया भर में भारत और ऐसे कई देश हैं, जो इस जानलेवा बीमारी 'मलेरिया' से लड़ रहे हैं.
अश्लेषा ठाकुर
भारत
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World Malaria Day 2023: मलेरिया (Malaria) एक नहीं बल्कि 5 प्रकार का होता है.
(फोटो:iStock)
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World Malaria Day 2023: हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया (Malaria) दिवस यानी कि वर्ल्ड मलेरिया डे मनाया जाता है. यह दिन मलेरिया (Malaria) के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है. दुनिया भर में भारत और ऐसे कई देश हैं, जो मच्छर के काटने से होने वाली इस जानलेवा बीमारी 'मलेरिया' (Malaria) से लड़ रहे हैं. मलेरिया एक ऐसा रोग है, जो मादा 'एनोफिलीज'('Anopheles') मच्छर के काटने से होता है. यह मच्छर गंदे और दूषित पानी में पनपते हैं. फिट हिंदी ने फरीदाबाद के फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल में कंसलटेंट इंटरनल मेडिसिन, डॉ. अनुराग अग्रवाल से मलेरिया के कम ज्ञात लक्षणों के बारे में जाना.
मायोकार्डियल इंजरी डिफ्यूज- गंभीर मलेरिया में मायोकार्डियल इंजरी हो सकती है, जिसके कारण रुग्णता (morbidity) और मौत के मामले ज्यादा होते हैं.
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एक्यूट पैंक्रिटीज मलेरिया की एक दुर्लभ जटिलता है, जिसके कारण पैंक्रियास डिसफंक्शन होता है, जिसमें कारण पेट में गंभीर दर्द और अपच हो सकता है.
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अकलकुलस कोलेसिस्टिटिस (Acalculous cholecystitis) मलेरिया में देखी जाने वाली एक और दुर्लभ जटिलता है, जिसके कारण पेट में तेज दर्द होता है और बार-बार उल्टी होती है. ये समस्या गॉल ब्लैडर में होती है.
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मलेरिया के कम ज्ञात लक्षणों में भ्रम की स्थिति, मतिभ्रम, डिमेंशिया, क्षणिक भूलने की बीमारी, व्यक्तित्व की गड़बड़ी और सिज़ोफ्रेनिया भी देखने को मिलता है.
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मलेरिया से प्रभावित रेड ब्लड सेल्स में फॉस्फोलिपिड में बदलाव के कारण वॉन विलीब्रैंड फैक्टर और दूसरे कोगुलेशन फैक्टर्स बढ़ जाते हैं. इसके अलावा, मलेरिया संक्रमित रेड सेल्स में एंडोथीलियल क्षति के कारण भी टिश्यू फैक्टर और दूसरे साइटोकाइन्स बनते हैं, जिनकी वजह से हाइपरकॉग्यूलेबल स्थिति पैदा होती है.
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हिमोलाइटिक यूरेमिक सिंड्रोम- मलेरियल टॉक्सिन (जैसे कि शिगा टॉक्सिन) की वजह से एंडोथीलियल कोशिकाओं में बदलाव हो सकता है, जो बड़े पैमाने पर माइक्रोवास्क्युलेचर क्षति भी पहुंचा सकता है, जिसके कारण एचसूएस (HUS) हो सकता है. मरीज में मलेरिया की वजह से हिमोलाइटिक यूरेमिक सिंड्रोम हो सकता है. इसमें गुर्दे के बेकार होने (रीनल फेलियर) पर पेरीटोनियल डायलसिस, डायुरेटिक्स और एंटीबायोटिक्स से इलाज किया जाता है.
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प्रायपिज़्म- इसका कारण वेन्यूल्स और कैवनर्स स्पेस में ब्लड का अधिक बहाव है, जिसके कारण पुरुषों के जननांगों में तेज दर्द होता है.