Home News India World No Tobacco Day 2023: तंबाकू शरीर पर कैसे बरपाता है कहर? एक्सपर्ट की राय
World No Tobacco Day 2023: तंबाकू शरीर पर कैसे बरपाता है कहर? एक्सपर्ट की राय
तंबाकू के हानिकारक रसायन सीधे हमारे अंगों और पूरे स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं.
अश्लेषा ठाकुर
भारत
Published:
i
World No Tobacco Day 2023: सिगरेट, तंबाकू चबाना, तंबाकू के दूसरे रूपों का सेवन करना है खतरनाक.
(फोटो: फिट हिंदी/iStock)
✕
advertisement
World No Tobacco Day 2023: हर साल 31 मई को नो टोबैको डे मनाया जाता है. इसे मनाने के पीछे का उदेश्य है लोगों को तंबाकू से होने वाले खतरों के प्रति जागरूक करना. चाहे आप सिगरेट पीते हों या नहीं, आपको शरीर पर तंबाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में तो पता ही होगा. हम सभी जानते हैं कि सिगरेट सिर्फ शरीर को ही नहीं बल्कि पर्यावरण को भी हानि पहुंचा रहा है.
तंबाकू, भारत में आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला हानिकारक पदार्थ है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा है. यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि तंबाकू हमारे शरीर को विभिन्न तरीकों से नुकसान पहुंचाता है, जिससे गंभीर क्षति होती है और जिस पर अक्सर ध्यान नहीं दिया जाता है. चाहे वह सिगरेट पीना हो, तंबाकू चबाना हो या तंबाकू के दूसरे रूपों का सेवन करना हो, तंबाकू के हानिकारक रसायन सीधे हमारे अंगों और पूरे स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं.
दिल्ली, सी.के.बिरला हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन के डायरेक्टर डॉ.राजीव गुप्ता ने फिट हिंदी को बताया तंबाकू से शरीर को कितने तरह के नुकसान होते हैं.
रेस्पिरेटरी समस्या और फेफड़ों का कैंसर: तंबाकू धूम्रपान रेस्पिरेटरी सिस्टम पर कहर बरपाता है, जिससे क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों के कैंसर के विकास का खतरा बढ़ जाता है. तंबाकू के धुएं में मौजूद जहरीले रसायनों और कार्सिनोजेन्स का सांस लेना फेफड़ों के ऊतकों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे रेस्पिरेटरी डिसऑर्डर और जानलेवा खतरे की स्थिति पैदा होती है.
(फोटो:iStock)
हृदय संबंधी समस्याएं: तंबाकू के उपयोग से हृदय रोग, स्ट्रोक और दूसरे हृदय संबंधी जटिलताओं का खतरा काफी बढ़ जाता है. तंबाकू के धुएं में हानिकारक रसायन ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाते हैं, ब्लड फ्लो को डिस्टर्ब करते हैं और ब्लड प्रेशर को बढ़ाते हैं, जिससे हृदय संबंधी बीमारियां होने या बढ़ने की आशंका पैदा होती है.
(फोटो:iStock)
ओरल हेल्थ समस्या: तंबाकू का सेवन, विशेष रूप से धुंआ रहित रूपों में, ओरल हेल्थ पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है. तंबाकू चबाने या सूंघने से मसूड़ों की बीमारी, दांतों की सड़न, मुंह का कैंसर और दांतों और मसूड़ों को कभी न ठीक होने वाले नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.
(फोटो:iStock)
कैंसर का बढ़ता जोखिम: तंबाकू का उपयोग फेफड़ों, गले, पैनक्रिएटिक, किडनी, ब्लैडर और सर्वाइकल कैंसर सहित कई कैंसर के बढ़ते जोखिम के साथ जुड़ा हुआ है. तंबाकू उत्पादों के हानिकारक पदार्थ डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं और असामान्य कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देते हैं, जिससे कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है.
(फोटो:iStock)
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
कमजोर इम्यून सिस्टम: तंबाकू प्रतिरक्षा प्रणाली से समझौता करता है, जिससे व्यक्ति इन्फेक्शन, रेस्पिरेटरी संबंधी बीमारियों और दूसरी बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है. तंबाकू के धुएं में मौजूद जहरीले रसायन इम्यून सिस्टम को खराब करते हैं. शरीर की इन्फ़ेक्शंस और बीमारियों से प्रभावी ढंग से लड़ने की क्षमता को कमजोर बनाते हैं.
(फोटो:iStock)
रीप्रोडक्टिव हेल्थ समस्याएं: तंबाकू का उपयोग पुरुष और महिला दोनों के प्रजनन स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. पुरुषों में, यह इरेक्टाइल डिसफंक्शन और स्पर्म की क्वालिटी में कमी का कारण बन सकता है. महिलाओं में, गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने से समय से पहले शिशु का जन्म, जन्म के समय कम वजन और बच्चे के विकास संबंधी मुद्दों जैसी जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है.
(फोटो:iStock)
पुरानी बीमारियों का बढ़ता जोखिम: तंबाकू का सेवन क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), डायबिटीज और किडनी की बीमारी जैसी पुरानी बीमारियों के लिए एक जोखिम कारक है. धूम्रपान मौजूदा समस्याओं को बढ़ाता है और इन बीमारियों को तेजी से बढ़ाता है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं बढ़ जाती हैं.
(फोटो:iStock)
त्वचा को नुकसान: तंबाकू का सेवन उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज करता है और त्वचा को नुकसान पहुंचाता है. धूम्रपान झुर्रियां, ढीली त्वचा और एक मुरझाया हुआ सा रंग के लिये भी ज़िम्मेदार होता है. यह घाव भरने में भी बाधा डालता है और त्वचा के इन्फेक्शन के जोखिम को बढ़ाता है.
(फोटो:iStock)
लत और तलब का कारण बनता : तंबाकू में पाया जाने वाला अत्यधिक नशीला पदार्थ निकोटीन व्यक्तियों को एडिक्शन और डिपेंडेंसी के सर्किल में फंसा देता है. जिससे बाहर निकलना चुनौतीपूर्ण हो सकता है.