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महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushansaran Singh) के खिलाफ पिछले 6 महीनों से प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने धरना वापस ले लिया है. सोशल मीडिया पर जारी एक बयान में प्रदर्शनकारी पहलवानों ने कहा है कि वो बृजभूषण सिंह के खिलाफ लड़ाई लड़ते रहेंगे, लेकिन यह लड़ाई सड़कों पर न होकर अब कोर्ट में लड़ी जाएगी.
इसके अलावा WFI के नए अध्यक्ष और कार्यकारी समिति के चुनाव का जिक्र करते हुए, पहलवानों ने कहा कि वे सरकार द्वारा किए गए वादों पर अमल होने का इंतजार करेंगे.
दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ 1500 पेज की चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें पद से हटा दिए गए बृजभूषण पर आईपीसी की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 354 ए (यौन उत्पीड़न), 354 डी (पीछा करना) के तहत अपराध दर्ज किया गया है. जबकि नाबालिग पहलवान के दूसरे बयान की रिकॉर्डिंग के बाद, बृजभूषण सिंह के खिलाफ लगाए गए POCSO के आरोप रद्द कर दिए गए हैं.
WFI के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर पर अतिरिक्त रूप से धारा 109 (उकसाने) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
इससे पहले रविवार को विरोध वापस लेने के ऐलान से पहले, प्रदर्शनकारी पहलवानों ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के नाम एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने एशियाई खेलों और विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के लिए ट्रायल से पहले तैयारी के लिए समय देने की अपील की.
पहलवानों ने अपने लिखे पत्र केंद्रीय खेलमंत्री अनुराग ठाकुर से अपील की कि....
इससे पहले, भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की एडहॉक समिति ने ऐलान किया था कि विरोध करने वाले पहलवान 'सिंगल-बाउट' ट्रायल में प्रतिस्पर्धा करेंगे, जिसका मतलब है कि उन्हें अपनी जगह पक्की करने के लिए पहले दौर के विजेता के खिलाफ केवल एक अकेला मुकाबला जीतने की जरूरत होगी.
योगेश्वर दत्त की ओर से नए नियम की आलोचना के बाद, प्रदर्शनकारी पहलवानों ने 2012 ओलंपिक पदक विजेता को कड़ी प्रतिक्रिया दी. विनेश फोगट ने योगेश्वर पर 'बृजभूषण सिंह की थाली से बचा हुआ खाना खाने' का आरोप लगाया, जबकि बजरंग पुनिया ने कहा कि योगेश्वर 'सोशल मीडिया के जरिए जहर फैला रहे हैं.'
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