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दिल्ली के जंतर-मंतर (Jantar Mantar) पर देश के वाले टॉप पहलवानों का प्रदर्शन पिछले काफी दिनों से जारी है. रविवार को उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा (Haryana) के खाप पंचायत नेता प्रदर्शनकारी पहलवानों को समर्थन देने के लिए दिल्ली ओर निकले हैं. वहीं पंजाब के किसान भी जंतर-मंतर पहुंचे हैं. दिल्ली पुलिस ने विरोध स्थल और सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है. बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगट सहित भारत के शीर्ष पहलवान पिछले दो हफ्तों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
विरोध कर रहे पहलवानों को उम्मीद है कि खाप महापंचायत को भारी सफलता मिलेगी और बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ उनकी लड़ाई में उन्हें और समर्थन मिलने में मदद मिलेगी.
Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय लोकदल (RLD) और भारतीय किसान यूनियन (BKU-टिकैत) ने भी आंदोलन को समर्थन दिया है और कहा है कि अगर सांसद बृजभूषण को एक के भीतर गिरफ्तार नहीं किया गया तो खाप नेताओं के साथ नई दिल्ली का घेराव करने की धमकी दी है.
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि कैंडललाइट मार्च के लिए कोई विशेष सुरक्षा योजना नहीं थी, लेकिन ट्रैक्टर और धीमी गति से चलने वाले वाहनों को सीमा में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सावधानी बरती जाएगी.
विनेश फोगट ने समर्थकों से रविवार को शांतिपूर्ण रहने का आग्रह किया ताकि बुरे तत्व विरोध प्रदर्शन का हिस्सा न बन सकें. उन्होंने पुलिस से उनके समर्थकों को नहीं रोकने का भी अनुरोध किया. इसके अलावा उन्होंने ट्वीट करते हुए पूरी देशवासियों से शाम 7 बजे कैंडल मार्च निकालने के की गुजारिश की है. उन्होंने कहा कि अपने भारत की बेटियों की न्याय की इस लड़ाई में एक साथ पूरे देश में कैंडल मार्च निकालेंगे.
ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया ने भी देशवासियों से प्रदर्शनकारी पहलवानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए रविवार को कैंडल मार्च निकालने की अपील की है. पुनिया ने कहा कि शनिवार को गठित दोनों समितियों को भविष्य की रणनीति तय करने का पूरा अधिकार है.
रिपोर्ट के मुताबिक ओलंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक ने कहा कि उन्हें अभी भविष्य की रणनीति तय करनी है क्योंकि उनके वकील अभी भी इस पर काम कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने अभी तक उनसे संपर्क नहीं किया है.
Hindustan Times की रिपोर्ट के मुताबिक सर्व खाप के महासचिव सुभाष बलियान ने कहा कि लगभग एक दर्जन खाप पंचायतों ने पहलवानों के विरोध में शामिल होने का फैसला किया है और उनकी मांग पूरी होने तक उनके साथ रहेगी.
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