Home News India चीन ने कन्फर्म किया राष्ट्रपति जिनपिंग का भारत दौरा- पूरा शेड्यूल
चीन ने कन्फर्म किया राष्ट्रपति जिनपिंग का भारत दौरा- पूरा शेड्यूल
24 घंटे के भारत दौरे के दौरान मोदी और शी की कितनी बार मुलाकात होगी?
क्विंट हिंदी
भारत
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जिनपिंग से महाबलीपुरम में ही क्यों मिलेंगे मोदी?शहर का चीन कनेक्शन
(फोटो : द क्विंट )
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11 अक्टूबर को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत दौरे पर आ रहे हैं. अब इसकी आधिकारिक घोषणा हो चुकी है. चेन्नई से 50 किमी दूर महाबलीपुरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जिनपिंग की अनौपचारिक मुलाकात होगी.
जिनपिंग के स्वागत को लेकर चेन्नई के तटीय मंदिर समेत धरोहर स्मारकों को सजाया जा रहा है. शिखर बैठक के चलते शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. सादे कपड़ों में सुरक्षाकर्मी गश्त लगा रहे हैं.
24 घंटे के भारत दौरे के दौरान मोदी और शी की कितनी बार मुलाकात होगी? जिनपिंग का भारत में क्या प्रोग्राम है? वो कौन-कौन से इंवेंट में शामिल होंगे? जिनपिंग के दो दिन के पूरे शेड्यूल की जानकारी यहां दे रहे हैं.
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, 11 अक्टूबर को दोपहर करीब डेढ़ बजे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग चेन्नई एयरपोर्ट पर आएंगे. अगले दिन लगभग इसी समय जिनपिंग अपने देश चीन लौट जाएंगे.
इसी दिन शाम को करीब पांच बजे मोदी और जिनपिंग की अनौपचारिक बैठक की शुरुआत होगी. दोनों एक घंटे लंबे टूर में तीन स्मारकों- पंच रथ, अर्जुन की तपस्या स्थली और मल्लपुरम के शोर मंदिर जाएंगे. दोनों नेता शोर मंदिर में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे.
इसके बाद रात को पीएम मोदी जिनपिंग के सम्मान में एक निजी रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे. सीनियर अधिकारी भी इसी भोज में शामिल होंगे.
अगले दिन 12 अक्टूबर की सुबह 10 बजे कोवलम में मोदी और शी ताज ग्रुप के एक फाइव स्टार रिसॉर्ट में बातचीत करेंगे.
इसके बाद इसी होटल में भारत और चीन के बीच दूसरी अनौपचारिक शिखर बैठक होगी. जिसमें दोनों देशों के नेता शामिल होंगे.
शिखर बैठक के बाद लंच पर मोदी और शी की फिर मुलाकात होगी. इसके बाद दोपहर को जिनपिंग चीन रवाना हो जाएंगे.
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क्या है महाबलीपुरम और चीन का संबंध
महाबलीपुरम से चीन का गहरा रिश्ता रहा है. पुराने जमाने में महाबलीपुरम के चीन से कारोबारी रिश्ते थे. इन्हीं संबंधों की याद जिनपिंग को दिलाने के लिए पीएम मोदी ने यह मुलाकात यहां रखी है. उन दिनों यहां पल्लव वंश का शासन था.