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यासीन मलिक (Yasin Malik) को NIA कोर्ट ने टेरर फंडिंग के मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई है. साथ ही 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. यासीन मलिक ने खुद कोर्ट में अपना गुनाह कबूल किया था. बावजूद, मलिक की सजा पर पाकिस्तान में खलबली मची है. पाकिस्तान के प्रधानंत्री शाहबाज शरीफ से लेकर इमरान खान तक ने मलिक की सजा पर भारत में खराब न्यायपालिका और लोकतंत्र की दुहाई दी है. ऐसे में आइए जानते हैं कि अलगाववादी नेता यासीन मलिक की सजा पर पाकिस्तान क्या कह रहा है?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने यासीन मलिक की सजा पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ने ट्वीट कर कहा कि आज भारतीय लोकतंत्र और उसकी न्यायिक प्रणाली के लिए काला दिन है. भारत यासीन मलिक को शारीरिक तौर पर जेल में डाल सकता है, लेकिन आजादी के जिस विचार के लिए वो जाने जाते हैं, उस विचार को कैद नहीं किया जा सकता. एक बहादुर स्वतंत्रता सेनानी को आजीवन कारावास देना कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार को नया प्रोत्साहन देगा.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी यासीन मलिक को लेकर ट्वीट किया है. इमरान खान ने ट्वीट कर कहा कि मैं कश्मीरी नेता यासीन मलिक के खिलाफ मोदी सरकार की फासीवादी नीति की कड़ी निंदा करता हूं. इसमें यासीन को अवैध रूप से जेल में रखने से लेकर फर्जी आरोपों में उन्हें सजा देना शामिल है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत अधिकृत कश्मीर में हिंदुत्व फासीवादी मोदी सरकार के राज्य पोषित आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भी यासीन मलिक की सजा पर कड़ा विरोध जताया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यासीन मलिक को अन्यायपूर्ण सजा सुनाए जाने की कड़ी निंदा करता हूं. भारत कभी भी कश्मीरियों की आजादी और उनके आत्म सम्मान की आवाज को चुप नहीं करा सकता है. पाकिस्तान, कश्मीरी भाइयों और बहनों के साथ खड़ा है और उनके साथ संघर्ष में हर संभव मदद करता रहेगा.
इमरान खान सरकार में सूचना मंत्री रहे चौधरी फवाद हुसैन ने भी मलिक की सजा की निंदा की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि PTI यासीन मलिक की सजा की कड़ी निंदा करती है. पाकिस्तान के लोग हर स्वतंत्रता सेनानी के साथ खड़े हैं और यासीन मलिक हमेशा हमारे हीरो रहेंगे.
इमरान खान की पार्टी PTI की नेता शिरीन मजारी ने भी यासीन मलिक सजा का विरोध किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि फासीवादी मोदी सरकार यासीन मलिक को हमेशा से प्रताड़ित करती रही है. इस पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की खामोशी खतरनाक है. ऐसा लगता है कि भारत और इजरायल का राज्य पोषित आतंकवाद पश्चिमी देशों को स्वीकार्य है. शर्मनाक!
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने भी यासीन मलिक की सजा पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि भारत जिस तरह से कश्मीर में मानवाधिकार के हनन के खिलाफ आवाज उठाने वालों को चुप कराने की कोशिश कर रहा है उसका कोई मतलब नहीं है. यासीन मलिक पर लगाए झूठे आरोप कश्मीर की आजादी के संघर्ष को नहीं रोक पाएंगे. UN को कश्मीर के नेताओं के खिलाफ इन झूठे मुकदमों में सामने आना चाहिए.
बता दें, यासीन मलिक की सजा से पहले यानी मंगलवार को पाकिस्तान नेशन असेंबली में सर्वसम्मति से यासीन मलिक के परिवार के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था. इसमें कहा गया था कि भारत यासीन मलिक पर झूठे आरोप लगा रहा है. पाकिस्तान की न्यूज वेबसाइट डॉन के मुताबिक रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा था कि सदन कश्मीरी लोगों को उनके वास्तविक नेतृत्व से वंचित करने और मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए भारत सरकार की निंदा करता है.
दरअसल, 2017 में यासीन मलिक के खिलाफ NIA ने टेरर फंडिंग का मामला दर्ज किया था. NIA ने बताया था कि देश में आतंकी घटनाओं को बढ़ावा देने के लिए यासीन मलिक के पास पाकिस्तान समेत दुनिया के कई देशों से पैसा आता था. उन पैसों के जरिए देश में कई बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया.
NIA ने कोर्ट में कहा था कि लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों ने कश्मीर और देश में बड़े पैमाने पर हमले किए थे. NIA ने यासीन पर लगे एक-एक आरोपों के लिए सबूत पेश किए. जिसके बाद कोर्ट में यासीन मलिक ने NIA कोर्ट में अपना जुर्म कबूल किया था और यह भी कहा था कि वह सजा को चुनौती नहीं देगा.
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