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यस बैंक घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने नई बातों का खुलासा किया है. यस बैंक के प्रोमोटर राणा कपूर को ईडी ने गिरफ्तार करने के बाद रविवार को मुंबई के एक स्पेशल कोर्ट में पेश किया. सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से दलीलें दे रहे वकील ने बताया कि यस बैंक ने राणा कपूर की बेटी के फर्म को 600 करोड़ रुपए का लोन दिया था.
रविवार तड़के 3 बजे के करीब गिरफ्तार किए जाने के बाद राणा कपूर को आज मुंबई के स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया. सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने कोर्ट में कहा कि दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) की ओर से कर्ज के लिए दोयम दर्जे की प्रॉपर्टी गिरवी रखे गए थे. ईडी ने वकील ने ये भी बताया कि राणा कपूर की बेटी की फर्म DOIT अर्बन वेंचर्स को 600 करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया. वकील ने अदालत से कहा, "हमें इस अपराध से हुए फायदों का पता लगाना होगा और हमें यह पता लगाना होगा कि पैसा कहां गया."
वकील ने बताया कि डीएचएफएल एक ट्रिपल ए रेटेड एनबीएफसी (गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी) थी, इसलिए यस बैंक ने 3700 करोड़ रुपये के डिबेंचर (ऋण पत्र) खरीदे. वकील ने बताया कि DHFL द्वारा DOIT को 600 करोड़ का लोन दिया गया था और 600 करोड़ रुपए के लोन के मुकाबले जमानत के तौर पर केवल 40 करोड़ रुपए दिए गए. वकील ने कोर्ट को बताया कि कपिल वधावन और राणा कपूर ने जनता के पैसे को ठगने की पूरी साजिश रची और राणा कपूर ने अरेस्ट मेमो पर साइन करने से भी इनकार कर दिया था.
कोर्ट में बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि एजेंसी राणा कपूर को निशाना बना रही है और कपूर सभी दस्तावेज पेश करने के लिए तैयार हैं.
बता दें कि यस बैंक के प्रोमोटर राणा कपूर को 11 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया है. उन्हें रविवार तड़के तीन बजे गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले उनसे करीब 30 घंटे तक पूछताछ हुई थी. कपूर पर देवन हाउसिंग फायनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (DHFL) से संबधित मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश में शामिल होने का आरोप है.
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