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अयोध्या के राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले को स्वराज्य इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने कहा है कि इस विवाद का निपटारा जरूरी था और सुप्रीम कोर्ट ने बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की है. योगेंद्र यादव ने साथ ही ये आशंका भी जताई कि कुछ लोगों को ऐसा लग सकता है कि मस्जिद गिराने वालों के हाथ में ही कोर्ट ने जमीन दे दी. हालांकि उन्होंने कहा कि ऐसे फैसलों में हर किसी को खुश नहीं रखा जा सकता.
क्विंट हिंदी से बातचीत में योगेंद्र यादव ने इस फैसले पर कहा कि मामले का निपटारा होना जरूरी था क्योंकि इतने सालों तक इस विवाद से नफरत फैलती रही.
सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही, अपने फैसले में 1992 में बाबरी मस्जिद गिराने जाने को गैरकानूनी घोषित किया. योगेंद्र यादव ने कहा कि अब कोर्ट को इस गुनाह के अपराधियों को भी सजा देनी चाहिए, ताकि देश मंदिर-मस्जिद से आगे बढ़ सके.
हालांकि उन्होंने एक जरूरी बात की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के बाबरी गिराए जाने को अपराध मानने के बावजूद फैसला हिंदुओं के पक्ष में दिए जाने से लोगों के मन में आशंका जरूर पैदा हो सकती है.
क्विंट हिंदी से खास बातचीत में योगेंद्र यादव ने कांग्रेस समेत सभी सेक्युलर पार्टियों को फटाकरते हुए कहा कि उन्हें इससे जुड़े सवालों के जवाब की समझ ही नहीं रही.
उन्होंने साथ ही सलाह भी दी कि समझदारी से सेक्युलर राजनीति बनाई जा सकती है और उसके लिए इस मामले में समझदारी भरी प्रतिक्रिया की जरूरत है. उन्होंन साथ ही कहा कि पार्टियों को जनता को सेक्युलरिज्म की जरूरत के बारे में समझाना होगा और उनसे जुड़ना होगा.
योगेंद्र यादव ने इस बात पर भी जोर दिया कि इस फैसले के बाद बीजेपी, जो इतने साल तक इस कार्ड को चलाती रही, वो अब इसका नहीं कर पाएगी और अब रोजी-रोटी के सवाल उठेंगे.
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