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यूट्यूबर कार्ल एडवर्ड राइस (Karl Edward Rice) ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार ने देश में उनकी एंट्री को रोक दिया है. कार्ल की पत्नी ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख कर 'राइस का नाम ब्लैक लिस्ट में डालने और भारत में एंट्री के लिए वीजा से इनकार करने के केंद्र सरकार के फैसले' को चुनौती दी है.
याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता मनीषा मलिक और उनके पति जो कार्ल रॉक के तौर पर लोकप्रिय हैं, दोनों ही यूट्यूब व्लॉगर (YouTube vlogger) हैं और भारत की खूबसूरती को कैद करने के लिए उसके ज्यादातर हिस्सों में गए हैं और यहां पर्यटन को बढ़ावा देने में उनका योगदान रहा है. याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई हो सकती है.
इसमें कहा गया कि अधिकारियों ने राइस का नाम ब्लैक लिस्ट में डालने का आधार नहीं बताया है, जबकि उन्होंने और उनकी पत्नी ने कई प्रतिवेदन दिए हैं. याचिका में कहा गया है कि वीजा से इनकार किए जाने की वजह से पति-पत्नी जुदा हो गए हैं और उन्हें वीजा शर्तों का उल्लंघन बताने वाले कोई कारण और उन्हें वीजा न देने की वजहों को लेकर कोई नोटिस नहीं दिया गया है.
केंद्र के कदम को सत्ता का मनमाना दुरुपयोग करार देते हुए, याचिका में कहा गया कि यह संविधान के आर्टिकल 19 (अभिव्यक्ति की आजादी के संबंध में कुछ अधिकारों का संरक्षण) के तहत याचिकाकर्ता के अधिकारों का उल्लंघन है.
वकील फुजैल अहमद अयूबी के जरिए दायर याचिका में कहा गया, “याचिकाकर्ता के पति, कार्ल एडवर्ड राइस के पास न्यूजीलैंड और नीदरलैंड्स की दोहरी नागरिकता है और वह 2013 से भारत आ रहे हैं और इस दौरान उन्होंने देश के कानूनों और वीजा की शर्तों का सख्ती से पालन किया है.”
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा था कि न्यूजीलैंड के नागरिक को उनके वीजा की शर्तों का उल्लंघन करने के लिए अगले साल तक भारत में एंट्री से प्रतिबंधित किया गया है.
अधिकारियों ने विस्तार से जानकारी न देते हुए कहा था कि वह पर्यटक वीजा पर कारोबारी गतिविधि कर रहे थे और उन्होंने वीजा की अन्य शर्तों का भी उल्लंघन किया.
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पिछले साल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक सरकारी प्लाज्मा बैंक में प्लाज्मा डॉनेट करने के लिए कार्ल की तारीफ की थी.
सोशल मीडिया पर बहुत से लोगों ने अनुमान लगाया है कि कार्ल को ब्लैक लिस्ट में डालने की वजह यह हो सकती है कि उन्होंने एक नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शन स्थल का दौरा किया था. इस पर कार्ल ने कहा, 'मैंने और मेरी पत्नी ने जाकर अपना अनुभव फिल्माया था. लेकिन ब्लैक लिस्ट में डालने का कारण यही है या नहीं, यह हम नहीं जानते. हमने कारणों का पता लगाने के लिए रिट पेटिशन दायर की है."
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