Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019मनीष कश्यप को NSA केस में SC की फटकार-'शांत राज्य में अशांति नहीं फैला सकते'

मनीष कश्यप को NSA केस में SC की फटकार-'शांत राज्य में अशांति नहीं फैला सकते'

Manish Kashyap Case: सुप्रीम कोर्ट ने मनीष कश्यप को हाई कोर्ट जाने को कहा है.

मोहन कुमार
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>यूट्यूबर मनीष कश्यप</p></div>
i

यूट्यूबर मनीष कश्यप

(फोटो-फेसबुक/मनीष कश्यप)

advertisement

तमिलनाडु में कथित तौर पर बिहारी मजदूरों से मारपीट का फर्जी वीडियो प्रसारित करने के मामले में जेल में बंद बिहार के चर्चित यूट्यूबर मनीष कश्यप (Manish Kashyap) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से झटका लगा है. राष्ट्रीय सुरक्षा कानून मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है. शीर्ष अदालत ने मनीष कश्यप की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका और FIR को क्लब करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने मनीष कश्यप को हाई कोर्ट जाने को कहा है. वहीं इस पूरे मामले को लेकर तल्ख टिप्पणी भी की है.

सुप्रीम कोर्ट में क्या-क्या हुआ? 

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि कोर्ट भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत अपनी शक्तियों का उपयोग करने के लिए इच्छुक नहीं है. हालांकि, बेंच ने यह स्पष्ट किया कि कश्यप राहत के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NSA) सहित उपयुक्त अधिकारियों से संपर्क करने के लिए स्वतंत्र हैं.

सुनवाई के दौरान, पीठ ने यह भी कहा कि कश्यप ने जानबूझकर फर्जी वीडियो बनाए और उन्हें तमिलनाडु जैसे स्थिर राज्यों में अशांति फैलाने के लिए प्रसारित किया.

सुनवाई के दौरान CJI चंद्रचूड़ ने कहा, ""आपके पास एक स्थिर राज्य है, तमिलनाडु का राज्य. आप अराजकता फैलाने के लिए कुछ भी फैला रहे हैं. हम इसपर विचार नहीं कर सकते हैं."

कश्यप की ओर से सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह एच ने कहा कि उन्होंने मेनस्ट्रीम अखबारों की रिपोर्ट्स के आधार पर वीडियो बनाया था और अगर कश्यप को NSA के तहत गिरफ्तार किया जाना है तो दूसरे अखबारों के पत्रकारों को भी NSA के तहत हिरासत में लिया जाना चाहिए.

"अगर इस लड़के को जेल में रहना होगा, तो सभी पत्रकारों को भी जेल में रहना होगा."

इसके साथ ही मनिंदर सिंह ने बेंच से अनुरोध किया कि तमिलनाडु में दर्ज सभी FIR को एक साथ जोड़ दिया जाए और उन्हें बिहार स्थानांतरित कर दिया जाए, जहां इस मुद्दे के संबंध में पहली एफआईआर दर्ज की गई थी.

‘आदतन अपराधी है मनीष कश्यप ’

वहीं बिहार सरकार की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि पटना में दर्ज हुईं FIR अलग-अलग मामलों से जुड़ी है. उन्होंने बताया कि पहली FIR पटना में बनाए गए वीडियो से जुड़ी है, जिसमें कश्यप की तरफ से फर्जी तरीके से यह दिखाने की कोशिश हुई कि तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों पर हमला हो रहा है. दूसरी FIR पटना एयरपोर्ट के पास बनाए गए वीडियो के संदर्भ में हुई है, जिसमें लोगों के नकली इंटरव्यू दिखाए गए. बताया गया कि ये लोग तमिलनाडु से भागकर आए हैं.

इसके साथ ही बिहार सरकार की तरफ से कहा गया कि मनीष कश्यप एक आदतन अपराधी है. उसपर उगाही के भी मामले हैं. इतना ही नहीं, उसके खिलाफ हत्या के प्रयास का भी केस दर्ज किया गया था.

इस पर तमिलनाडु सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास मद्रास हाईकोर्ट में अपील करने का विकल्प है. उन्होंने ये भी कहा कि याचिकाकर्ता कोई पत्रकार नहीं है, बल्कि एक नेता है जिसने बिहार में चुनाव लड़ा है.

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने मनीष कश्यप की याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि आप हाईकोर्ट जा सकते हैं.

बता दें कि मनीष कश्यप ने बिहार और तमिलनाडु में उसके खिलाफ दर्ज FIR को एक साथ जोड़ने की मांग की गई थी. इसके साथ ही उसने अंतरिम अग्रिम जमानत के साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत दर्ज मामले को रद्द करने की भी मांग की थी. मनीष कश्यप फिलहाल तमिलनाडु के जेल में बंद है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT