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कश्मीर में जाकिर मूसा को ढेर कर सुरक्षा बलों ने घाटी में इस्लामी चरमपंथ के खिलाफ बड़ी कामयाबी हासिल की है.जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने मंगलवार को कहा कि अंसार गजवातुल हिंद के मुख्य कमांडर जाकिर मूसा के मारे जाने से कश्मीर में आतंकवाद का नया कॉन्सेप्ट भी खत्म हो गया है.
पुलिस महानिदेशक ने कहा, "उसने कश्मीर में आतंकवाद के नए कॉन्सेप्ट की शुरुआत की कोशिश की थी लेकिन उसकी मौत के साथ ही उसका यह विचार भी खत्म हो गया." उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में अभी भी 275 एक्टिव आतंकवादी हैं, जिसमें से 100 से 200 विदेशी आतंकवादी हैं. सभी सुरक्षाबल राज्य में आतंकवाद के विरुद्ध पूरे तालमेल के साथ लड़ाई लड़ रहे हैं.
जाकिर मूसा को दक्षिण कश्मीर में मारा गया, जहां के जंगलों का इस्तेमाल स्थानीय युवाओं को ट्रेनिंग करने के लिए किया जा रहा है. मूसा दो प्रेमिकाओं के चक्कर में फंस गया था, जिनमें से एक ने खुफिया एजेंसियों से उसकी मुखबिरी की. मूसा के बाद वह अब घाटी में सबसे ज्यादा वांछित आतंकी कमांडर है.
जाकिर राशिद भट (25) को सुरक्षाबलों ने दक्षिण कश्मीर में गुरुवार रात एक तीन मंजिला मकान में घेर लिया और उसे बाहर निकालने के लिए ऑपरेशन के दौरान घर में आग लगा दी. कश्मीर में संघर्षरत सबसे बड़े आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर रह चुका था.
जाकिर मूसा साल 2017 में मारे गए आतंकवादी बुरहान वानी का करीबी सहयोगी था. मूसा का असली नाम जाकिर राशिद भट्ट था जो हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकवादी था और बाद में उसने अल कायदा से जुड़े संगठन की अगुवाई की. हिजबुल की नीतियों से नाखुश होकर मूसा संगठन से अलग हो गया था. बाद में उसने अपना खुद का संगठन बनाया और 2017 में आतंकवादी संगठन अल कायदा के साथ खुद को संबद्ध घोषित किया. साल 2013 में उसने आतंकवाद की दुनिया में कदम रखा था.
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