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नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने वाली बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ कार्रवाई पर पार्टी चुप है. गोडसे को देशभक्त बताने पर 17 मई को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने प्रज्ञा ठाकुर को नोटिस जारी कर दस दिन में जवाब मांगा था. 27 मई को ये डेडलाइन खत्म हो गई लेकिन बीजेपी की ओर से उनके खिलाफ कार्रवाई की कोई खबर नहीं है.
भोपाल से बीजेपी के पूर्व सांसद ने आलोक संजर ने क्विंट से कहा कि यह मामला पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व और साध्वी के बीच का है. साध्वी ने चुनाव के दौरान माफी मांग ली थी. संजर ने कहा कि उन्हें इस बारे में पार्टी के अंतिम फैसले की कोई जानकारी नहीं है. शिवराज कैबिनेट में ही मंत्री रह चुके उमाशंकर गुप्ता ने भी कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. उनसे पूछा गया कि क्या राज्य नेतृत्व प्रज्ञा ठाकुर के गोडसे वाले बयान पर कोई बयान जारी करेगा. इस पर गुप्ता ने कहा कि उनकी ड्यूटी सिर्फ 23 मई तक थी. अब आगे का फैसला सेंट्रल लीडरशिप करेगी.
गुप्ता से क्विंट ने पूछा कि क्या प्रज्ञा के बयान से बीजेपी को कोई फायदा हुआ है. क्या तीसरे फेज में गोडसे पर बयान से वोटों का ध्रुवीकरण हुआ. इस पर गुप्ता ने कहा
बीजेपी की वेबसाइट www.bjp.org के मुताबिक पार्टी की अनुशासनात्मक कमेटी में दो सदस्य हैं. सत्यदेव सिंह और विजया चक्रवर्ती. जब क्विंट ने इस वक्त लखनऊ में मौजूद सत्यदेव सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि इस मामले में अब सब कुछ रामलाल के जिम्मे है.
बीजेपी में इस मामले के जानकार लोगों का कहना है कि कमेटी के एक सदस्य गणेशी लाल 2018 में ओडिशा के गवर्नर बन गए थे. इसके बाद कमेटी लगभग निष्क्रिय है. अब यहां सिर्फ सत्यदेव सिंह अकेले सदस्य हैं. प्रज्ञा ठाकुर के मामले पर बात करने पर कमेटी की एक और सदस्य विजया चक्रवर्ती ने कमेंट करने से इनकार कर दिया. उन्होंने राष्ट्रीय सचिव रामलाल से संपर्क करने को कहा.
इस मामले में बीजेपी की चुप्पी पर कांग्रेस की मीडिया सेल की इंचार्ज शोभा ओझा ने क्विंट से कहा
ओझा से जब पूछा गया कि क्या कांग्रेस अब प्रज्ञा ठाकुर का संसद से निलंबन की मांग करेगी तो उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को इसमें खुद संज्ञान लेना चाहिए. क्या हम संसद में राष्ट्रपति को गाली देने वालों की मौजूदगी बर्दाश्त कर सकते हैं.
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