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ऋतिक-कटरीना वाले विज्ञापन पर हुआ विवाद, Zomato की सफाई- 'नेक इरादे से बनाया'

जोमैटो ने कहा कि इन विज्ञापनों का मकसद डिलीवरी पार्टनर के पेशे की गरिमा के स्तर को बढ़ाना था.

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<div class="paragraphs"><p>ऋतिक रोशन और कटरीना कैफ के साथ जोमैटो ने बनाया ऐड</p></div>
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ऋतिक रोशन और कटरीना कैफ के साथ जोमैटो ने बनाया ऐड

(फोटो: स्क्रीनशॉट)

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बॉलीवुड एक्टर ऋतिक रोशन और कटरीना कैफ के साथ किए विज्ञापनों को लेकर सोशल मीडिया पर आलोचना का शिकार हो रही फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो (Zomato) ने इस पूरे विवाद पर बयान जारी किया है. इन विज्ञापनों के जरिये जोमैटो पर डिलीवरी पार्टनर्स को मिलने वाली कम सैलरी के मुद्दे से ध्यान भटकाने का आरोप लगा था. बयान जारी कर जोमैटो ने कहा कि हर कहानी के दो पहलू होते हैं और वो अपनी साइड पेश करना चाहेंगे.

जोमैटो ने कहा कि इन विज्ञापनों का मकसद डिलीवरी पार्टनर के पेशे की गरिमा के स्तर को बढ़ाना था.

जोमैटो ने कहा कि इन विज्ञापनों को डिलीवरी पार्टनर को हीरो बनाने और ये हाइलाइट करने के लिए बनाया गया था कि उनसे सम्मान के साथ बात करनी चाहिए. जोमैटो ने आगे कहा, "हर ग्राहक हमारे लिए एक स्टार है, और ऋतिक या कैटरीना से कम नहीं है."

जोमैटो ने बयान में कहा, "हम मानते हैं कि हमारे विज्ञापन नेक इरादे से बनाए गए हैं, लेकिन दुर्भाग्य से कुछ लोगों ने इसका गलत मतलब निकाला."

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जोमैटो के विज्ञापनों पर क्या था विवाद?

ऋतिक रोशन और कटरीना कैफ के साथ जोमैटो के विज्ञापन सामने आने के बाद, कंपनी पर आरोप लगा था कि वो डिलीवरी पार्टनर को ठीक से पैसे देने की बजाय, बॉलीवुड सेलेब्स में इंवेस्ट कर रही है और अपनी छवि सुधारने की कोशिश कर रही है.

कई यूजर्स ने इस ओर भी इशारा किया था कि कंपनी अपने डिलीवरी पार्टनर्स से खराब मौसम में भी काम करवाती है और उन्हें ब्रेक नहीं मिलते.

ऋतिक रोशन वाले ऐड में दिखाया जाता है कि वो बारिश में भी पार्सल देने पर डिलीवरी पार्टनर की तारीफ करते हैं और उसके साथ सेल्फी लेने के लिए कहते हैं. वो फोन लेने के लिए अंदर जाते हैं, और तभी डिलीवरी पार्टनर के पास अगले ऑर्डर का नोटिफिकेशन आता है, और वो उसे डिलीवर करने के लिए बिना सेल्फी खिंचवाए निकल जाता है.

सोशल मीडिया पर चर्चा

सोशल मीडिया पर कंपनियों द्वारा डिलीवरी पार्टनर्स को कम पैसे दिए जाने का मुद्दा पिछले कुछ समय से चर्चा में है. हाल ही में स्विगी पर भी डिलीवरी पार्टनर्स को कम पैसे देने का आरोप लगा था.

वहीं, जोमैटो ने कहा कि इन विज्ञापनों को छह महीने पहले ही तय कर लिया गया था, सोशल मीडिया पर चर्चा से काफी पहले.

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