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जायडस कैडिला (Zydus Cadila) ने अपनी तीन डोज वाली कोविड वैक्सीन (Covid Vaccine) ZyCoV-D के इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन के लिए आवेदन दिया है. कंपनी ने 'दुनिया की पहली प्लाज्मिड DNA' वैक्सीन (Plasmid DNA Vaccine) के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के पास आवेदन किया है. जायडस कैडिला का कहना है कि वो सालाना 12 करोड़ वैक्सीन बनाने की योजना में है.
ZyCoV-D भारत में मंजूर की गई पांचवी वैक्सीन बन सकती है. Covaxin और Covishield के बाद रूस की Sputnik V को मंजूरी मिली थी. 29 जून को भारत ने अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना की कोविड वैक्सीन भी पास कर दी थी.
जायडस का दावा है कि लक्षण वाले कोविड केस में वैक्सीन 66.6 फीसदी प्रभावी है और मॉडरेट बीमारी में 100 फीसदी असरदार. कंपनी कहती है कि वैक्सीन 12 से 18 साल के बच्चों के लिए भी सुरक्षित है.
कंपनी ने कहा, "ZyCoV-D ने फेज तीन ट्रायल में 28,000 से ज्यादा लोगों में सुरक्षा और प्रभाव दिखाया. इनमें से 1000 वॉलंटियर 12-18 आयु समूह के थे."
ZyCoV-D तीन डोज की वैक्सीन है. अभी तक भारत में मंजूर की गईं सभी वैक्सीनों की दो डोज दी जाती हैं.
जायडस ने कहा कि प्लाज्मिड DNA वैक्सीन शरीर में कोरोनावायरस के स्पाइक प्रोटीन बनाती है और इम्यून प्रतिक्रिया शुरू करती है. कंपनी का कहना है कि नए म्यूटेशन से लड़ने के लिए प्लाज्मिड DNA प्लेटफॉर्म में तेजी से बदलाव किए जा सकते हैं.
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