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Indiabulls संचालित सोशल कॉमर्स प्लेटफॉर्म Yaari ने 150 कर्मचारियों की छंटनी की

कंपनी ने मंगलवार को सामने आई रिपोर्ट पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

IANS
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<div class="paragraphs"><p>Indiabulls संचालित सोशल कॉमर्स प्लेटफॉर्म Yaari ने 150 कर्मचारियों की छंटनी की</p></div>
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Indiabulls संचालित सोशल कॉमर्स प्लेटफॉर्म Yaari ने 150 कर्मचारियों की छंटनी की

(फोटो- आईएएनएस)

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(आईएएनएस)। वित्त पोषण के मौसम में छंटनी की ताजा कड़ी में इंडियाबुल्स समूह (Indiabulls Group) के सोशल कॉमर्स प्लेटफॉर्म यारी ने कथित तौर पर लगभग 150 कर्मचारियों की छंटनी की है। उसके कर्मचारियों की संख्या का 60 प्रतिशत है।

अग्रणी स्टार्टअप न्यूज कवरेज पोर्टल इंक42 की एक रिपोर्ट के अनुसार, यारी का एक अन्य इंडियाबुल्स-समर्थित इकाई धनी के साथ विलय होने की संभावना है, जो एक ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म है।

कथित तौर पर छंटनी अप्रैल के अंतिम सप्ताह में आपूर्ति सहायता, ग्राहक सहायता, व्यवसाय विकास और मार्केटिंग कार्यक्षेत्र में हुई और कंपनी ने कथित तौर पर छंटनी के दौर से प्रभावित लोगों को कोई विच्छेद पैकेज या स्वास्थ्य लाभ नहीं दिया।

कंपनी ने मंगलवार को सामने आई रिपोर्ट पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

यारी कस्टमाइज्ड उपभोक्ता उत्पादों के लिए एक सोशल कॉमर्स मार्केटप्लेस है।

यारी डिजिटल इंटीग्रेटेड सर्विसेज ने पिछले साल मार्च में सोशल कॉमर्स मार्केटप्लेस लॉन्च किया, ताकि छोटे व्यवसायों और खुदरा विक्रेताओं को व्हाट्सएप, फेसबुक और इंस्टाग्राम आदि जैसे सोशल चैनलों के माध्यम से अपना व्यवसाय ऑनलाइन शुरू करने में सक्षम बनाया जा सके।

यारी ऐप विभिन्न प्रकार के उत्पादों के लिए बनाया गया है। यह ऐप महत्वाकांक्षी उद्यमियों, विशेष रूप से महिलाओं को, इन्वेंट्री प्रबंधन, भुगतान और यहां तक कि ऑर्डर पूरा करने के जोखिम को दूर कर घर से ऑनलाइन व्यवसाय शुरू करने में आसानी प्रदान करता है।

छंटनी का नया दौर तब आया, जब भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र युद्ध, उच्च मुद्रास्फीति, बढ़ती ब्याज दरों और चीन के लॉकडाउन जैसे वैश्विक मैक्रो-इकोनॉमिक कारकों के कारण गंभीर झटकों से जूझ रहा है।

भारत में अब तक 8,000 से अधिक स्टार्टअप कर्मचारियों ने अपनी नौकरी खो दी है। अगर संविदा कर्मियों को खाते में लें तो यह आंकड़ा और अधिक हो सकता है।

भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में मंदी के आने और वीसी फंडिंग के सूखने से स्थिति और खराब होने वाली है। इसे पिछले साल लगभग 42 अरब डॉलर का फंड मिला था।

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