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हजारीबाग जिले के बरही में एक धार्मिक जुलूस के दौरान रूपेश पांडेय नामक 17 वर्षीय किशोर की पीट-पीट कर हत्या के मामले की जांच अब सीबीआई करेगी। झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने मृतक रूपेश की मां की ओर से दाखिल क्रिमिनल रिट पर सुनवाई करते शुक्रवार को यह आदेश दिया है। जस्टिस एस.के. द्विवेदी की कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस की अब तक की जांच पर गहरा असंतोष जाहिर किया। उन्होंने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह जल्द से जल्द इस मामले को अपने हाथ में लेकर जांच शुरू करे।
बता दें कि 6 फरवरी 2022 को शाम पांच बजे रूपेश पांडे अपने चाचा के साथ सरस्वती पूजा का विसर्जन जुलूस देखने गया था। उस दौरान असलम अंसारी उर्फ पप्पू मियां के नेतृत्व में 25 लोगों की भीड़ रूपेश को खींचकर ले गयी थी और उसे पीट-पीट कर मार डाला था। मामले को बरही थाने में 27 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी थी। 7 फरवरी को पुलिस ने मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया था।
रूपेश की नृशंस हत्या पर बरही, हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह सहित कई जिलों में तनाव पैदा हो गया था। मामले ने राजनीतिक तौर पर भी तूल पकड़ा था। धरना-प्रदर्शन का लंबा सिलसिला चला था। झारखंड सहित देश के कई हिस्सों से विभिन्न संगठनों और दलों से जुड़े लोग रूपेश के परिजनों से मिलने पहुंचे थे। विभिन्न संगठनों ने पुलिस पर इस मामले में कार्रवाई में कोताही का आरोप लगाया था।
रूपेश की मां ने पुलिस की जांच पर अविश्वास जताते हुए स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने के लिए झारखंड हाई कोर्ट में क्रिमिनल रिट दायर किया था। इसपर सुनवाई के बाद कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया है कि वह जल्द से जल्द इस मामले को अपने हाथों में ले ले। जिला पुलिस और प्रशासन को इस मामले से संबंधित दस्तावेज तुरंत सीबीआई को हस्तांतरित करने का भी निर्देश दिया गया है।
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