सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार, 17 अगस्त को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Jharkhand CM Hemant Soren) के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाने वाली 3 जनहित याचिकाओं (PIL) पर झारखंड हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई पर रोक लगा दी. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड हाई कोर्ट में PIL दायर कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ फर्जी/शेल कंपनियों के माध्यम से कथित मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच की मांग की थी.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस यूयू ललित, रवींद्र भट और सुधांशु धूलिया की बेंच झारखंड राज्य सरकार और CM सोरेन द्वारा झारखंड हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर विचार कर रही थी.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद अपने आदेश को सुरक्षित रखते हुए झारखंड हाई कोर्ट में चल रहे इन मामलों की सुनवाई पर रोक लगा दी.
गौरतलब है कि शेल कंपनी से संबंधित केस नंबर 4290/21, माईनिंग लीज से संबंधित केस नंबर 727/2022 एवं मनरेगा से संबंधित केस नंबर 4632/2019 झारखण्ड हाई कोर्ट में चल रहा है.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार के वकील कपिल सिब्बल एवं महाधिवक्ता उपस्थित थे. सुनवाई के बाद बेंच ने कहा कि "पक्षों के वकीलों को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रखा जाता है. चूंकि यह कोर्ट अब मामले को सुन रही है, इसलिए हाई कोर्ट अब इस मामले को आगे नहीं बढ़ाएगा."
बता दें कि इस साल की शुरुआत में, बीजेपी नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने कहा था कि सोरेन ने अपने पद का दुरुपयोग किया और खनन का पट्टा लिया. उन्होंने जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों के उल्लंघन का भी आरोप लगाया.
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