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कानपुर हिंसा: मुस्लिम परिवार का आरोप, नाबालिग को पुलिस कस्टडी में पीटा गया

Kanpur Violence: कानपुर पुलिस ने 15 साल के नाबालिग के खिलाफ 10 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है.

विवेक मिश्रा
न्यूज
Published:
<div class="paragraphs"><p>कानपुर पुलिस ने नाबालिग को कस्टडी के दौरान पीटा, परिवार का आरोप</p></div>
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कानपुर पुलिस ने नाबालिग को कस्टडी के दौरान पीटा, परिवार का आरोप

फोटोः क्विंट

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कानपुर पुलिस (Kanpur Police) पर गंभीर आरोप लगे हैं. ये आरोप कानपुर हिंसा (Kanpur Violence) में गिरफ्तार एक नाबालिग के परिवार के सदस्यों ने लगाया है. मुस्लिम परिवार में किशोर की मां और उसके अधिवक्ता शारिक इश्तियाक ने पुलिस पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि मेरा बेटा 13 साल से कम का है और जब पुलिस ने उसे और उसके परिवार को धमकाया तब उसने आत्मसमर्पण किया. जिसके बाद पुलिस ने उसकी थाने में बेल्ट से बुरी तरह से पिटाई की. जबकि, नियमानुसार उसको पुलिस को तुरंत बाल गृह में ले जाना चाहिए था. लेकिन, पुलिस ने उसको पूरी रात हिरासत में रखा और कस्टडी में टॉर्चर किया जो कि एक संगीन अपराध है.

इस पर सहायक पुलिस आयुक्त अनवरगंज अकमल खान के मुताबिक....

'नाबालिग ने 7 जून को आत्मसमर्पण किया और उसे हिरासत में लिया गया. जोकि, कानपुर के मुस्लिम बाहुल्य इलाके का रहने वाला है. यतीमखाना मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद उसे पत्थर फेंकते देखा गया. जिसके खिलाफ पुलिस की ओर से दंगा, आपराधिक धमकी, हत्या के प्रयास सहित 10 धाराओं में मुकदमा लिखा गया. पुलिस का कहना है कि वह अभी करीब 15 साल का है और उसे किसी प्रकार से कस्टडी में यातना नहीं दी गई. उसको सीधा बालगृह भेजा गया.'
अकमल खान, सहायक पुलिस आयुक्त, अनवरगंज

वहीं, आरोपी के अधिवक्ता शारिक इश्तियाक के मुताबिक....

'किसी नाबालिग को जेल में या पुलिस हिरासत में नहीं रखा जा सकता और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 10 का हवाला देते हुए कहा कि पुलिस की ओर से पकड़े गए बच्चे को विशेष किशोर पुलिस यूनिट या किसी नामित अधिकारी की निगरानी में रखा जाना चाहिए और यह जिम्मेदारी संभालने वाले लोगों को पकड़े गए बच्चे को देरी के अधिकतम 24 घंटे के अंदर जेजेबी के समक्ष पेश करना चाहिए. जबकि कानपुर पुलिस ने इसके विपरीत काम किया. पुलिस को नाबालिग को गिरफ्तार कर किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश करना चाहिए था.'
इश्तियाक, वकील

बता दें, कानपुर शहर में पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा की गई टिप्पणी के विरोध में बंद बुलाया गया था. लेकिन, कथित तौर पर जबरदस्ती दुकानें बंद कराने के मुद्दे पर परेड चौक में दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प और पथराव की घटना हुई. इसमें कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे और आपस में जमकर पत्थरबाजी हुई थी, जिसके बाद से ही पुलिस लगातार एक्शन में दिखाई दे रही है.

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