कानपुर विकास प्राधिकरण (KDA) ने कानपुर हिंसा के करीब एक हफ्ते बाद शनिवार को कारोबारी मोहम्मद इश्तियाक (Mohammad Ishtiaq) के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाकर उनकी ऊंची बिल्डिंग को धवस्त कर दिया है. मोहम्मद इश्तियाक को कानपुर हिंसा के मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी का करीबी बताया जा रहा है.
बिना नक्शा पास कराए बिल्डिंग बनाने का आरोप
प्राधिकरण के एक्शन में मोहम्मद इश्तियाक की ऊंची बिल्डिंग को धवस्त कर दिया. उनपर आरोप है कि उन्होंने बिल्डिंग बनवाने से पहले प्रशासन से नक्शा पास नहीं करवाया था और बिना इजाजत ही इतनी बड़ी बिल्डिंग खड़ी कर दी. इसी पर अब एक्शन लेते हुए KDA ने इसे जमींदोज कर दिया है. इस कार्रवाई के लिए प्रशासन पूरे लाव लश्कर के साथ पहुंचा था. सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे और पुलिस किसी भी स्थिती से निपटने के लिए तैयार थी.
कानपुर विकास प्राधिकरण के सचिव शत्रोहन वैश्य ने कहा कि इस कार्रवाई से हयात जफर का कोई लेना-देना नहीं है और इसे एक रूटीन कार्रवाई बताया.
"कानपुर में अवैध बिल्डिंग है उसपर कार्यवाही हो रही है. हयात जफर से उसका कोई लेना देना नहीं है. ये एक रूटीन कार्यवाही है."शत्रोहन वैश्य, सचिव, कानपुर विकास प्राधिकरण
कानपुर में भड़की थी हिंसा
आपको बता दें कि बीजेपी की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ एक टीवी डिबेट के दौरान कथित 'अपमानजनक' बातें कही थी. इसी के बाद कानपुर में जुमे की नमाज के बाद जमकर हिंसा हुई थी. इसमें आम लोगों के साथ-साथ कई पुलिसवाले भी घायल हुए थे. पुलिस ने इसमें कार्रवाई करते हुए कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था और 40 लोगों के चेहरों का पोस्टर जारी किया था.
इस मामले में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीते शुक्रवार भी देशभर के कई शहरों में जुमे के बाद प्रदर्शन की तस्वीरें सामने आईं थी. दिल्ली के जामा मस्जिद, उत्तर प्रदेश के प्रयागरा, झारखंड के रांची समेत कई इलाकों से पथराव और प्रदर्शन ने प्रशासन के लिए चुनौतियां खड़ी की थी.
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