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नीदरलैंड्स के हेग स्थित इंटरनेशन कोर्ट ऑफ जस्टिस में कुलभूषण जाधव केस की सुनवाई चल रही है. इस केस की सुनवाई आईसीजे के 16 जज कर रहे हैं जो गुरुवार तक चलेगी. भारत की तरफ से सीनियर वकील हरीश साल्वे कुलभूषण जाधव का पक्ष रख रहे हैं.
बता दें कि जाधव को अप्रैल 2017 में पाकिस्तानी मिलिट्री कोर्ट ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में फांसी की सजा सुना दी थी. इस फैसले के खिलाफ भारत ने ICJ का रुख किया था.
आइए जानते हैं कौन हैं ये 16 जज:
अब्दुलकवी अहमद यूसुफ फरवरी 2018 में आईसीजे के अध्यक्ष चुने गए थे. इससे पहले वो आईसीजे के सदस्य 2009 से थे. यूसुफ इससे पहले युनेस्को में लीगल एडवाइजर के तौर पर भी काम कर चुके हैं.
शू हांकिन आईसीजे की सदस्य जून 2010 से हैं और 2018 में वो उपाध्यक्ष चुनी गई थीं. शू चीन के लीगल लॉ डिवीजन की हेड और नीदरलैंड में चीन की राजदूत थीं.
जस्टिस दलवीर भंडारी इकलौते भारतीय जज हैं जो इस मामले की सुनवाई में शामिल हैं. जस्टिस भंडारी 2012 से आईसीजे के सदस्य हैं, फरवरी 2018 में वो दोबारा आईसीजे के सदस्य चुने गए थे. इसके साथ ही भंडारी सुप्रीम कोर्ट में भी जज के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं.
जज बेनौना आईसीजे के साल 2006 से सदस्य हैं. बेनौना साल 2001 से लेकर 2006 तक मोरक्को के स्थाई प्रतिनिधि के तौर पर संयुक्त राष्ट्र में रह चुके हैं.
जज ट्रिनेडाडे साल 2009 से ही आईसीजे के सदस्य हैं और फरवरी 2018 में फिर से चुने गए थे. साल 2017 में जज ट्रिनेड ने जज दलवीर भंडारी के फैसले के साथ सहमति जताई थी.
जज टॉमका इस पैनल में सबसे सीनियर हैं टॉमका संयुक्त राष्ट्र में स्लोवाकिया के राजदूत भी रह चुके हैं.
जब कुलभूषण जाधव का केस दायर किया गया था उस समय जज रॉनी अब्राहम आईसीजे के अध्यक्ष थे. जज रॉनी फ्रांस के विदेश मंत्रालय में लीगल एडवाइजर हैं.
जज डोनोह्यू साल 2010 से आईसीजे की सदस्य हैं और वे 2015 में फिर से चुनकर आईं थीं. जज डोनोह्यू अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट का हिस्सा भी रहीं हैं. वो अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को अंतर्राष्ट्रीय कानून पर सलाह देती थीं.
जज गजा आईसीजे के सदस्य फरवरी 2012 से हैं. गजा इटली सरकार की तरफ से आईसीजे में अधिवक्ता के तौर पर भी जा चुकी हैं.
जज रॉबिनसन आईसीजे के सदस्य फरवरी 2015 से हैं. जज रॉबिनसन 26 सालों तक संयुक्त राष्ट्र के छठे लीगल कमेटी के सदस्य रहे हैं.
जज क्रॉफोर्ड भारत के खिलाफ 2 बार पैरवी कर चुके हैं. एक बार किशनगंगा डैम विवाद(भारत बनाम पाकिस्तान) में क्रॉफोर्ड पाकिस्तान की तरफ से और दूसरी बार मैरिटाइम बाउंड्री विवाद में बांग्लादेश की तरफ से .
जज जूलिया युगांडा के हाई कोर्ट की जज रह चुकीं हैं और वे साल 2012 से आईसीजे की सदस्य हैं.
जज किरिल आईसीजे के साल 2015 से सदस्य हैं. किरिल रूस की तरफ से आईसीजे में कई बार एजेंट के तौर पर प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
जज सलाम आईसीजे के सबसे नए सदस्य हैं. साल 2007 से 2017 तक वो संयुक्त राष्ट्र में लेबनान के राजदूत और परमानेंट सदस्य रह चुके हैं.
जाधव मामले कि सुनवाई कर रही पैनल में सबसे नए जजों में से एक जज इवसावा मानवाधिकारों के दुनिया में सबसे बड़े महारथियों में से एक हैं.
पाकिस्तान ने जज तस्सदुक को जाधव केस में एक एड-हॉक जज के तौर पर नियुक्त किया है. ऐसा एक देश तभी करता है जब उसका कोई भी जज बेंच में नहीं होता. जिलानी पाकिस्तान के चीफ जस्टिस के तौर पर एक साल काम कर चुके हैं.
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