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भोपाल, 29 अप्रैल (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनके ही घर ग्वालियर चंबल में घेरने की तैयारी तेज कर दी है। इसकी शुरूआत नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी भिंड जिले के लहार विधानसभा क्षेत्र से विधायक डॉ गोविंद सिंह को सौंपकर कर दी है।
कांग्रेस के लिए बीजेपी से ज्यादा अगर कोई खटकता है तो वह केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं, इसकी वजह है क्योंकि वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा के मुकाबले बढ़त हासिल की थी और सत्ता भी हासिल कर ली थी, मगर सिंधिया के अपने समर्थकों के साथ पाला बदलने पर कांग्रेस के हाथ से सत्ता खिसक गई थी। कांग्रेस सिंधिया से बदला लेना चाहती है और उसकी कोशिश है कि सिंधिया को उनके ही इलाके में कमजोर किया जाए ताकि भाजपा के अंदर उनकी हैसियत कम हो जाए।
कांग्रेस ने कमलनाथ द्वारा नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद भिंड के लहार विधानसभा क्षेत्र से सात बार के निर्वाचित विधायक डॉ गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी है। डॉ सिंह एक तरफ जहां सिंधिया के बड़े विरोधी माने जाते हैं और प्रखर नेता के तौर पर पहचान रखते हैं तो वहीं उनकी दिग्विजय सिंह से काफी नजदीकियां हैं।
सूत्रों की माने तो दिग्विजय सिंह का लक्ष्य अपने लोगों को पार्टी में पुन: स्थापित करना है और इस दिशा में उन्हें लगातार सफलता भी मिल रही है। एक तरफ जहां नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी डॉ सिंह को दिलाई है तो वहीं महिला कांग्रेस का अध्यक्ष विभा पटेल को बनाया गया है और युवक कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रांत भूरिया हैं। यह सभी नेता दिग्विजय सिंह के करीबी माने जाते हैं।
सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने के बाद ग्वालियर चंबल इलाके में भाजपा की स्थिति पहले से मजबूत हुई है, इससे कांग्रेस के कुछ नेताओं में बेचैनी है और वे नेता सिंधिया के प्रभाव को कम करने के प्रयास में जुटे हुए हैं। कांग्रेस ग्वालियर चंबल इलाके के दतिया जिले से कांग्रेस कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न को लेकर आंदोलन भी शुरू करने वाली है। कुल मिलाकर कांग्रेस की कोशिश है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को आगामी विधानसभा चुनाव में उनके इलाके में घेरा जाए।
सूत्रों की माने तो नेता प्रतिपक्ष बनाए गए डॉ सिंह का भाजपा के भी कई नेताओं से करीब का नाता है और यह सभी नेता ग्वालियर चंबल इलाके से आते हैं। सिंधिया के भाजपा में आने के बाद इन नेताओं को अपनी स्थिति कमजोर होती जान पड़ती है, वहीं भाजपा के इन नेताओं का सिंधिया से रिश्ता बेहतर नहीं है। इन स्थितियों में कांग्रेस डॉ सिंह के जरिए सिंधिया को कमजोर करने के लिए भाजपा की भी मदद हासिल करने की कोशिश में है।
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