Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Manipur Violence हल करने को सरकार प्रतिबद्ध, सुझावों पर खुले दिमाग से होगा विचार: शाह

Manipur Violence हल करने को सरकार प्रतिबद्ध, सुझावों पर खुले दिमाग से होगा विचार: शाह

Manipur violence पर बोले Amit Shah- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहले दिन से है स्थिति पर लगातार नजर

IANS
न्यूज
Published:
<div class="paragraphs"><p>गृह मंत्री अमित शाह&nbsp;</p></div>
i

गृह मंत्री अमित शाह 

(फोटेः क्विंट हिंदी)

advertisement

मणिपुर (Manipur) में लगातार जारी हिंसा को लेकर शनिवार, 24 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सर्वदलीय बैठक बुलाई. गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की अध्यक्षता में संसद भवन की लाइब्रेरी बिल्डिंग में हुई इस सर्वदलीय बैठक में सरकार की तरफ से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी मौजूद रहे. वहीं गृह मंत्रालय के कई अधिकारी भी बैठक में भाग लिया.

गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक में क्या कहा?

सूत्रों के मुताबिक, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों द्वारा अपनी-अपनी बात कह लेने के बाद बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने मणिपुर में शांति बहाली के लिए संवेदनशील और अराजनीतिक रूप से अपने सुझाव दिए और भारत सरकार इन सुझावों पर खुले दिमाग से विचार करेगी.

गृहमंत्री ने स्थिति को शांत करने और मणिपुर में विभिन्न समुदायों के बीच जल्द से जल्द शांति और विश्वास बहाल करने में मदद के लिए सभी राजनीतिक दलों से सहयोग का आग्रह किया. उन्होंने मणिपुर मुद्दे के समाधान के लिए उपयोगी सुझाव देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और भारत सरकार की तरफ से सभी राजनीतिक दलों का आभार भी व्यक्त किया.

'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहले दिन से है स्थिति पर लगातार नजर'

सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह ने मणिपुर समस्या के समाधान के लिए सरकार की प्रतिबद्धता और किसी की भी जान न जाने को सरकार की प्राथमिकता बताते हुए यह साफ किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले दिन से ही मणिपुर की स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं और इस समस्या का समाधान खोजने के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ मार्गदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सभी को साथ लेकर मणिपुर समस्या का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है और मोदी सरकार की प्राथमिकता है कि राज्य में हिंसा के कारण और किसी की जान न जाए.

हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं : शाह   

शाह ने बैठक में जानकारी दी कि मणिपुर में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं, 13 जून के बाद से राज्य में हिंसा में एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है, अब तक लूटे गए 1800 हथियार सरेंडर किए जा चुके हैं. राज्य में 36 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात हैं, 40 आईपीएस अधिकारियों को मणिपुर भेजा गया है, 20 मेडिकल टीमें भेजी गई हैं और राज्य में दवाओं सहित सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा रहा है.

उन्होंने बैठक में यह भी बताया कि म्यांमार-मणिपुर सीमा पर 10 किमी की बाड़ लगाने का काम पूरा हो चुका है, 80 किमी की सीमा की बाड़ लगाने के लिए टेंडर का काम पूरा हो चुका है और शेष सीमा क्षेत्र का सर्वेक्षण चल रहा है.

राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने क्या कहा ?

सर्वदलीय बैठक में भाजपा की तरफ से राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मणिपुर के मुद्दे को बहुत संवेदनशील मसला बताते हुए कहा कि इसे संवेदनशीलता के साथ संभालने की जरूरत है. मणिपुर समस्या के यथाशीघ्र समाधान के लिए भारत सरकार और केंद्रीय गृहमंत्री द्वारा हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले दिन से ही इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने कहा कि मणिपुर समस्या की जड़ें कई ऐतिहासिक कारकों में निहित हैं, जिनके कारण वर्तमान हिंसा भी भड़की है. मोदी सरकार स्थिति को सामान्य करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, उन्हें यकीन है कि मणिपुर में जल्द ही शांति लौटेगी.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

मणिपुर हिंसा : विपक्षी दलों की क्या थी मांग ? 

आपको बता दें कि मणिपुर में पिछले 50 दिनों से जारी हिंसा को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को पद से हटाने और राज्य में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने की मांग की है. वहीं सरकार की तरफ से अमित शाह ने अब तक मणिपुर में हिंसा को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए यह बताया गया कि हालात सुधर रहे हैं जो अब जो छिटपुट घटनाएं हो रही हैं, उन्हें भी रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

बीजेपी नेता संबित पात्रा ने मीडिया से क्या कहा ?

बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने बताया कि सरकार की तरफ से इस सर्वदलीय बैठक की शुरुआत में ही मणिपुर के हालात को लेकर विस्तार से एक प्रेजेंटेशन देकर यह बताया गया कि किस प्रकार से राज्य में यह हिंसा आरंभ हुई? हिंसा के क्या कारण रहे? हिंसा को रोकने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं और शांति स्थापित करने के लिए भविष्य में क्या कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने बैठक में अपने-अपने सुझाव दिए.

बैठक के बाद कोंग्रेस की प्रतिक्रिया 

सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए मणिपुर के मुख्यमंत्री को हटाने की मांग की और साथ ही यह भी कहा कि बेहतर होता कि यह सर्वदलीय बैठक इंफाल में होती. रमेश ने कहा कि वह शुरू से कह रहे हैं कि इस मसले पर प्रधानमंत्री मोदी को बोलना चाहिए. डीएमके नेता तिरुचि शिवा ने भी प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए सरकार से एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मणिपुर में भेजने की मांग की.

बैठक में कौन-कौन हुए शामिल ?

केंद्रीय गृहमंत्री की अध्यक्षता में हुई इस सर्वदलीय बैठक में सरकार की तरफ से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय और केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी के अलावा गृह मंत्रालय के कई आला अधिकारी भी मौजूद रहे. बैठक में मेघालय के मुख्यमंत्री एवं एनपीपी नेता कोनराड के. संगमा, सिक्किम के मुख्यमंत्री एवं एसकेएम नेता प्रेम सिंह तमांग के अलावा भाजपा की तरफ से राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस की तरफ से मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह, शिवसेना (उद्धव गुट) से प्रियंका चतुर्वेदी, तृणमूल कांग्रेस से डेरेक ओब्रायन, मिजो नेशनल फ्रंट से सी. लालरोसंगा, बीजेडी से पिनाकी मिश्र, एआईएडीएमके से एम. थंबीदुरई, डीएमके से तिरुचि शिवा, आरजेडी से मनोज झा, सपा से रामगोपाल यादव, आप से संजय सिंह सहित कई अन्य राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT