शुक्रवार, 9 जून को मणिपुर (Manipur) के कांगपोकपी जिले (Kangpokpi district) में एक हमले में तीन लोगों की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए. द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, मृतकों की पहचान 65 साल के डोमखोहोई (Domkhohoi), 52 साल के खेजमांग गुइते (Khaijamang Guite) और 40 साल के जंगपाओ तौथांग (Jangpao Touthang) के रूप में की गई है.
घटना कथित तौर पर खोकेन गांव में हुई, जो कांगपोकपी जिले और इंफाल पश्चिम के बीच की सीमा पर स्थित है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि गांव में ज्यादातर लोग कुकी हैं.
क्या है मामला?
ग्रामीणों ने दावा किया कि पुलिस और इंडिया रिजर्व बटालियन की वर्दी पहने करीब 40 हथियारबंद लोगों ने शुक्रवार सुबह 4 बजे खोकेन में प्रवेश किया और गोलियां चलाई. जिसमें तीन लोग मारे गए और दो घायल हैं. पीड़ितों के घरवालों ने रिपोर्ट में कहा-
उन [हमलावरों] ने अरामबाई तेंगगोल (Arambai Tenggol), और पुलिस और आईआरबी वर्दी के सदस्यों की तरह पहनी जाने वाली काली टी-शर्ट पहनी हुई थी और उन्होंने अंधाधुंध गोलीबारी करना शुरू कर दिया. गोलीबारी करीब दो घंटे तक चली-
CRPF को दी सूचना
उन्होंने बताया कि हमने गांव खाली कर दिया और निकटतम सीआरपीएफ शिविर में गए और उन्हें सूचित किया. सीआरपीएफ और गोरखा रेजिमेंट के गांव में आने के बाद ही हमलावर चले गए. वे पांच जिप्सी में बैठे जो कि पुलिस वाहन थे.
यह क्यों मायने रखता है?
घटना से एक दिन पहले, मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने कहा कि हिंसा प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य में स्थिति शांतिपूर्ण है.
वे क्या कह रहे हैं?
"कुकीजो ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने, हमलावरों की असली पहचान पर संदेह न करते हुए और यह मानते हुए कि यह एक तलाशी अभियान था, उनको आने दिया, लेकिन स्वचालित राइफल से फायर किया गया, जिसके परिणामस्वरूप ग्रामीणों की दुखद मौत हो गई," स्वदेशी आदिवासी रिपोर्ट में लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के हवाले से कहा गया है.
जनजातीय एकता सदर हिल्स समीति ने लगाई रोक
हमले के जवाब में, जनजातीय एकता सदर हिल्स समिति ने कथित तौर पर NH-2 के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही पर फिर से रोक लगा दी है. मणिपुर में पिछले एक महीने से अधिक समय से अशांति और हिंसा देखी जा रही है. मेइती को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने के प्रस्ताव के विरोध में 3 मई 2023 को एक छात्र निकाय द्वारा 'आदिवासी एकजुटता मार्च' का आयोजन किया गया था. लेकिन मार्च तेजी से बड़े पैमाने पर हिंसा में बदल गया, जिसमें वाहनों और संरचनाओं को आग लगा दी गई. अब तक, राज्य में हिंसा ने लगभग 100 लोगों की जान ले ली है और कम से कम 35,000 लोगों को विस्थापित किया है.
केस दर्ज
इस बीच, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने कथित तौर पर छह प्राथमिकी दर्ज की हैं और हिंसा के पीछे कथित साजिश की जांच के लिए एक DIG-रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है.
(द इंडियन एक्सप्रेस से इनपुट्स के साथ)
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