advertisement
हर साल दुनियाभर के करोड़पति अपना देश छोड़ देते हैं. केवल भारत से ही साल 2024 में 4300 से ज्यादा करोड़पति या मिलेनियर्स वैध तरीके से देश छोड़ने की तैयारी में हैं. ये डेटा द हेनली प्राइवेट वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट 2024 (The Henley Private Wealth Migration Report 2024) ने जारी किया है जो हर साल लोगों की संपत्ति यानी वेल्थ को ट्रैक करती है.
दुनिया में भारत तीसरा बड़ा देश है जहां से मिलेनियर्स विदेश जा रहे हैं. सबसे ज्यादा:
चीन में 15200 मिलेनियर्स
युनाइटेड किंगडम से 9500 मिलेनियर्स
भारत से 4300
साउथ कोरिया से 1200,
रूस से 1000
ब्राजील, साउथ अफ्रीका, ताइवान, नाइजेरिया और वियेतनाम से भी सैंकड़ों अमीर लोग अपना देश छोड़ रहे हैं.
ये देश छोड़ रहे हैं तो जा कहां रहे हैं? इस बार दुनियाभर के अमीरों की UAE- यूनाइटेड अरब अमीरात जाने की संभावना है. 6700 से ज्यादा UAE जा सकते हैं. 3800 से ज्यादा USA, 3500 से ज्यादा सिंगापुर, 3200 से ज्यादा कनाडा, 2500 ऑस्ट्रेलिया और फिर इटली, स्विट्जरलैंड, ग्रीस, पुर्तगाल और जापान भी अमीरों की पसंद है.
सवाल ये है कि अमीर लोग किन्हें माना जाता है? इसकी परिभाषा क्या है? हेनली के अनुसार, अमीर वो है जिसके पास 1 मिलियन डॉलर से भी ज्यादा की संपत्ति है. मतलब आपके पास अगर 8 करोड़ 34 लाख रुपये से ज्यादा की संपत्ति है तो आप अमीर हैं.
अब संपत्ति यानी वेल्थ का मतलब समझिए. वो ढेर सारा पैसा जो आपके रोजमर्रा के खर्च के बाद बचे. यानी जिन पैसों से आप निवेश कर सकें वो संपत्ति है. इनवेस्टमेंट!
महामारी का दौर छोड़ दें तो हर साल दुनियाभर के अमीरों की देश छोड़ने की संख्या बढ़ती गई है. इस बार 1,28,000 अमीर अपना देश छोड़ना चाहते हैं.
क्रेडिट सुइस के मुताबिक दुनियाभर में केवल 1.2% मिलेनियर्स हैं और इन मिलेनियर्स में से भारत में केवल 1% हैं. है न कमाल की बात. मिलेनियर्स के मामले में भारत की रैंक 10वीं हैं जहां 3,26,400 मिलेनियर्स हैं. सबसे ज्यादा अमेरिका, चाइना और जर्मनी में हैं.
अब सेंटीमिलेनिर्यस यानी अरबपति पर आते हैं जिनके पास 8 करोड़ नहीं, 80 करोड़ नहीं, बल्कि उससे भी ज्यादा 800 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति होती है. भारत इस मामले में चौथे नंबर पर हैं जहां 1,044 अरबपति हैं.
बिलिनेयर्स की बात करें जिनके पास 8000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति होती है - इस मामले में भारत की रैंक अमेरिका और चाइना के बाद तीसरे नंबर पर है. भारत में 120 बिलिनेयर्स रहते हैं.
जैसे हाथी को खींचने के लिए हाथी चाहिए वैसे ही संपत्ति को खींचने के लिए संपत्ति ही चाहिए. सिंपल भाषा में पैसे से पैसा बनता है. अमीर लोग दुबई, अमेरिका, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया इसलिए जाना चाहते हैं क्योंकि यहां टैक्स में छूट है, बिजनेस करना बेहद आसान हैं, नियम सरल हैं, सेफ्टी ज्यादा है. इनकम टैक्स जीरो है या बहुत कम है. राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता ज्यादा होती है, हेल्थ और एजुकेशन बेहतर है और इन देशों की लगजरी लाइफ हम वेबसीरीज में तो देखते ही हैं.
इसके अलावा अर्थशास्त्रियों की आम राय है कि भारत में कॉर्पोरेट के लिए कानूनी उलझनें बहुत ज्यादा हैं, उनपर टैक्स ज्यादा लगाया जाता है. हाल में और पहले भी कई कॉर्पोरेट केंद्रीय जांच एजेंसी के मामले में फंसे हैं. इसलिए वे ऐसे देशों का रुख कर रहे हैं जहां कारोबार आसानी से किया जा सकता है.
अब आप ये भी पूछ सकते हैं यूएई सरकार टैक्स नहीं लेती तो कमाती कैसे हैं. बता दें कि यूएई सरकार केवल इनकम टैक्स नहीं लेती लेकिन बाकी टैक्स जैसे कॉर्पोरेट टैक्स, सामान/सेवाओं पर लगने वाला टैक्स, कस्टम ड्यूटी, कच्चे तेल की बिक्री से कमाई, रियल एस्टेट और पर्यटन से अच्छी कमाई कर लेती है.
जवाब हां और ना के बीच में कहीं हैं. देखों...जो भी अरबपति भारत छोड़कर जाता है उसका बिजनेस भारत में भी अपनी जगह चलता रहता है, टैक्स यहीं देना होता है, रोजगार यहीं देना होता है. फर्क ये होता है कि ये अरबपति कमाई भारत से करते हैं और लेकिन उसे खर्च और निवेश विदेशों में जा कर करते हैं. अब ये तो हमारे लिए ठीक नहीं है न?
भारत में अरबपतियों की संख्या ज्यादा नहीं है इसलिए हर साल हजारों अरबपतियों का देश छोड़ना हमारे लिए ठीक नहीं है. चाइन के मुकाबले भारत में अरबपति की संख्या बहुत कम हैं. चाइना में 8 लाख से ज्यादा अमीर लोग हैं और भारत में 3 लाख से ज्यादा. 2023 में 6500 अमीरों ने भारत छोड़ा, 2022 में 7500 अमीरों ने. ऐसे करते-करते तो कितने ही अमीर लोग भारत छोड़ जाएंगे.
लेकिन सोचिए अगर देश छोड़ने वाले अमीर भारत में ठहरकर भारत में ही निवेश और ज्यादा बढ़ाएंगे तो रॉकेट की तेजी से भारत का भी विकास हो सकता है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined