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Savita Kanswal: एवरेस्ट फतह करने वाली पहाड़ों की रानी, पहाड़ों की आगोश में समाई

Savita kanswal ने अपने नाम बड़े-बड़े रिकॉर्ड किए और बेहद कम समय में पर्वतारोहण के क्षेत्र में अपना नाम बनाया था.

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<div class="paragraphs"><p>एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने वाली सविता कंसवाल की उत्तराखंड में हुए एवलांच में मौत</p></div>
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एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने वाली सविता कंसवाल की उत्तराखंड में हुए एवलांच में मौत

फोटो- एक्सेस्ड बाय क्विंट

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विश्व की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट फतेह करने वाली सविता कंसवाल (Savita Kanswal) की मौत हो गई है. उत्तराखंड (Uttarakhand) के द्रौपदी का डांडा में एवलांच यानी हिमस्खलन की चपेट में आने से उत्तरकाशी स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) के 29 प्रशिक्षणार्थी फंस गए थे, जिसमें सविता भी शामिल थीं.

द्रौपदी का डांडा में पर्वतारोहियों को ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग के लिए नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) के 29 ट्रेनी गए थे. 8 लोगों का रेस्क्यू किया गया और 10 शव बरामद हुए हैं, 11 लोग अभी भी लापता हैं.

सविता की मौत से उनके गांव में मातम पसरा है. लोंथरू गांव के पूर्व प्रधान ने कहा कि, सविता कंसवाल की हादसे में मौत होने की बात उनके परिवार के अमित कंसवाल ने बताया कि, हमें देर रात सूचना मिली थी वो एवलांच में फंस गई और इस हादसे में उसकी जान चली गयी है.

उत्तरकाशी जिले के लोंथरू गांव की निवासी पर्वतारोही सविता कंसवाल की मौत की पुष्टि NIM के प्रधानाचार्य अमित बिष्ट ने भी की है. उन्होंने कहा कि, सविता ने बेहद कम समय में पर्वतारोहण के क्षेत्र में अपना नाम बनाया था. सविता ने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से एडवांस और सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स के साथ पर्वतारोहण प्रशिक्षक का कोर्स भी किया था.

सविता ने इसी साल दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर फहराया था तिरंगा

सविता कंसवाल ने इसी साल 12 मई को 8848 मीटर ऊपर, दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया था. सविता ने इसके 15 दिन बाद 8463 मीटर ऊपर माउंट मकालू पर भी सफल आरोहण किया था. सविता ने सफल आरोहण कर नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया था.

एक दिन पहले खराब मौसम के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया था लेकिन 5 अक्टूबर की सुबह से वायुसेना ऑपरेशन में जुट गई है. इस हादसे उत्तरकाशी जिले ने एवरेस्ट फतेह करने वाली पर्वतरोही सविता को खो दिया है.

सविता कंसवाल

इनपुट क्रेडिट- मधुसूदन जोशी

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