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Netflix के अफसर कोर्ट में तलब, सुब्रत रॉय ने किया है 500 करोड़ का मानहानि केस

नेटफ्लिक्स ने बैड बॉयज मिलेनियर इंडिया के नाम से एक डॉक्यूमेंट्री बनाकर पर 5 अक्टूबर 2020 को रिलीज की थी.

आईएएनएस
न्यूज
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सुब्रत रॉय 
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सुब्रत रॉय 
(फोटो: PTI)

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लखनऊ की अदालत ने बुधवार को नेटफ्लिक्स इंडिया के निदेशक अभिषेक नाग, वृत्तचित्र निर्देशक निक रीड और नेटफ्लिक्स निर्माता रेवा शर्मा को सम्मन जारी किया है. ये समन सहारा द्वारा दायर एक आपराधिक शिकायत के मामले में 15 नवंबर को उनके समक्ष पेश होने के लिए है. मुकदमा 'बैड बॉय बिलियनेयर्स' शीर्षक से एक 'अपमानजनक और अत्यधिक मानहानिकारक' डॉक्यूमेंट्री/ट्रेलर बनाने और प्रकाशित किए जाने से संबंधित है. आरोपी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 500, 501 और 502 के तहत मुकदमा चलाया जाएगा.

प्रक्रिया जारी करने से पहले, अदालत ने आरोपी व्यक्तियों द्वारा किए गए अपराधों का संज्ञान लिया और शिकायतकर्ता और उनके गवाहों के बयान दर्ज किए. सबूतों से संतुष्ट होने के बाद अदालत ने कथित रूप से किए गए अपराधों के लिए आरोपी व्यक्तियों को समन जारी किया. ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स ने विजय माल्या और नीरव मोदी के साथ सहारा समूह के अध्यक्ष सुब्रत रॉय सहारा के जीवन और विकास पर अक्टूबर 2020 में एक डॉक्यूमेंट्री सीरीज बनाई और प्रसारित की, जिसका शीर्षक 'बैड बॉय बिलियनेयर्स' है.

सहारा ने नेटफ्लिक्स इंडिया और उनके निर्देशकों, निर्माताओं के खिलाफ 500 करोड़ रुपये की राशि के लिए अलीपुर, कोलकाता में सक्षम अदालत में हर्जाने की वसूली के लिए एक दीवानी मुकदमा भी दायर किया है. कोर्ट अभियुक्तों/प्रतिवादियों को उनकी उपस्थिति और प्रतिवादियों की ओर से जवाब/सबूत पेश किए जाने के लिए समन जारी कर चुकी है.

इससे पहले सहारा ने नेटफ्लिक्स सीरीज 'बैड बॉय बिलियनेयर्स' पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि यह पूरी तरह से निराधार और तथ्यों से परे है. नेटफ्लिक्स ने सिर्फ व्यावसायिक लाभ हासिल करने के लिए सहारा समूह की छवि की कीमत पर 'बैड बॉय बिलियनेयर्स' शीर्षक के साथ सनसनीखेज, मसालेदार व्यावसायिक फिल्म बनाई है जो अस्वीकार्य और अत्यधिक आपत्तिजनक है.

सहारा ने कहा, "डॉक्यूमेंट्री से संकेत मिलता है कि वृत्तचित्र को मसालेदार और बयानबाजी से भरा बनाने की उनकी लालसा में, सभी आरोपियों ने जानबूझकर सहारा समूह के अध्यक्ष को गलत तरीके से चित्रित करने का प्रयास किया है, जबकि उनके खिलाफ कोई विश्वसनीय सामग्री या सबूत नहीं है,

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Published: 14 Oct 2021,12:52 PM IST

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