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'एक राष्ट्र, एक चुनाव' (One Nation One Election) समिति की पहली आधिकारिक बैठक शनिवार, 23 सितंबर को पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में हुई. सदस्यों ने राजनीतिक दलों और दूसरे स्टेकहोल्डर्स के साथ चर्चा करने और उनसे सुझाव मांगने का निर्णय लिया.
इस बहुप्रतीक्षित बैठक में राजनीतिक दलों के साथ विचार-विमर्श करने और 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर उनके विचार जानने पर चर्चा की गई.
आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार सूत्र ने कहा कि समिति के सदस्यों ने यह भी निर्णय लिया कि यदि कोई भी राजनीतिक दल समिति से मिलने का समय लेना चाहता है तो उसे अपने सुझाव देने की अनुमति होगी.
समिति के सदस्यों ने भारत के चुनाव आयोग और अन्य निकायों जैसे हितधारकों के सुझाव और विचार प्राप्त करने के लिए भी चर्चा की.
बैठक के दौरान सदस्यों ने मुख्य रूप से इस बात पर भी चर्चा की कि समिति कैसे काम करेगी और 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के विचार पर आम सहमति बनाने के लिए किन मुद्दों पर सभी के साथ विचार-विमर्श करने की आवश्यकता है.
पैनल ने इस बात पर भी चर्चा की कि एक साथ मतदान के लिए विभिन्न परिदृश्यों की जांच कैसे की जाए और त्रिशंकु विधानसभा या अविश्वास प्रस्ताव को अपनाने जैसी स्थितियों से कैसे निपटा जाएगा, इस पर सिफारिशें की जाएंगी.
एक साथ चुनाव पैनल ने एक साथ चुनाव के मुद्दे पर विचार जानने के लिए मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय, राज्य दलों को आमंत्रित करने का निर्णय लिया.
साथ ही एक साथ चुनाव पैनल समकालिक चुनावों पर सुझाव देने के लिए विधि आयोग को भी आमंत्रित करेगा.
यह बैठक नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार द्वारा पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने के बाद हुई है.
हालांकि, अधीर रंजन चौधरी ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' अवधारणा की जांच के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित आठ सदस्यीय समिति का हिस्सा बनने के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया.
गजट अधिसूचना के अनुसार, समिति न केवल लोकसभा और विधानसभा चुनाव, बल्कि नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव भी एक साथ कराने की व्यवहार्यता पर गौर करेगी.
यदि त्रिशंकु सदन, अविश्वास प्रस्ताव, दलबदल या ऐसी कोई अन्य घटना होती है तो समिति एक साथ चुनाव से जुड़े संभावित समाधानों का विश्लेषण और सिफारिश करेगी.
सरकार ने अधिसूचना में कहा कि राष्ट्रीय, राज्य, नागरिक निकाय और पंचायत चुनावों के लिए वैध मतदाताओं के लिए एक एकल मतदाता सूची और पहचान पत्र की खोज की जाएगी.
बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की जरूरत पर बयान दे चुके हैं.
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